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________________ - 21 4. आचारदर्शन की परिभाषा विषय-सूची 1. आचारदर्शन की मूलभूत समस्याएँ 2. आचारदर्शन के अध्ययन की आवश्यकता 3. सैद्धान्तिक अध्ययन का व्यावहारिक जीवन से सम्बन्ध विशुद्ध सैद्धान्तिक दृष्टिकोण 46 / विशुद्ध व्यावहारिक दृष्टिकोण 46 / समन्वयवादी दृष्टिकोण 46 / 1 भारतीय आचारदर्शन का स्वरूप 41 41 45 Jain Education International धर्म नियमों या आज्ञाओं का पालन है 49 / धर्म चारित्र का परिचायक है 49 / धर्म कर्त्तव्य की विवेचना करता है 49 / धर्म परम श्रेय की विवेचना करता है 49/ 5. भारतीय परम्परा में आचारदर्शन (नीतिशास्त्र) की प्रकृति नीतिशास्त्र कला है ? 51 / नीतिशास्त्र की दार्शनिक प्रकृति 53 / 6. नैतिक प्रत्यय और उनके अर्थ 7. भारतीय आचारदर्शनों की सामान्य विशेषताएँ 8. नैतिक चिन्तन की भारतीय एवं पाश्चात्य परम्पराओं में प्रमुख अन्तर पाश्चात्य विचारकों के भारतीय आचारदर्शन पर आक्षेप और उनका 9. प्रत्युत्तर 1. ज्ञान की दो विधाएँ 2. जैनदर्शन के अनुसार ज्ञान की विधाएँ 3. बौद्धदर्शन में ज्ञान की विधाएँ 4. वैदिक परम्परा में ज्ञान की विधाएँ 48 For Private & Personal Use Only 51 54 55 57 भारतीय आचारदर्शन में ज्ञान की विधाएँ 69 70 71 72 58 www.jainelibrary.org
SR No.003607
Book TitleBharatiya Achar Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages554
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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