SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 217
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भारतीय और पाश्चात्य नैतिक मानदण्ड के सिद्धान्त 215 43. 32. सूत्रकृतांग, 2/2/4. 33. धम्मपद, 129-130;सुत्तनिपात, 37/27;गीता, 6/32. तत्त्वार्थसूत्र, 5/21. 35. उत्तराध्ययन,23/25; 23/31. जैन एथिक्स, पृ. 75-76. तत्वार्थसूत्र, 5/21. 38. गीता, 17/3. विस्तृत विवेचनाएवं प्रमाण के लिए देखिए- नीतिशास्त्र का सर्वेक्षण, पृ. 130-135. विस्तृत विवेचना के लिए देखिए- (अ) नीतिशास्त्र (सिन्हा), पृ. 121-126 (ब) टाइप्स आफ एथिकलथ्योरीज, मार्टिन्यू. 41. सव्वेपाणापरमाहम्मिआ-दशवैकालिक, 4/9. दशवैकालिक टीका, पृ. 46. सव्वे सुहसायादुक्खपडिकूला /- आचारांग1 /2/3/81; तुलनीय-दुःखादुद्विजते सर्व:सर्वस्य सुखमीप्सितम् /-महाभारत,शान्तिपर्व, 139/61. सूत्रकृतांग (हिन्दी), पृ. 103-104. 45. सर्वदर्शनसंग्रह; पृ. 4. महाभारत, शान्तिपर्व, 139/61. छान्दोग्य-उपनिषद्,7/22/1. दृष्टव्य-न्यायवार्तिक (वाराणसी संस्करण), पृ. 13; उद्धृत-नीतिशास्त्रकासर्वेक्षण, पृ. 151. नीतिशास्त्र का सर्वेक्षण, पृ. 161 पर उद्धृत. ___ कण्टेम्पररि एथिकलथ्योरीज, पृ. 196. नीतिशास्त्र का सर्वेक्षण, पृ. 168. 52. अहासुहं देवाणुपियं /-उपासकदशांगसूत्र, 1/12 बृहत्कल्पभाष्य, 5717. सूत्रकृतांग, 737. 55. अभिधानराजेन्द्रकोश, खण्ड7, पृ. 1018. वही, पृ. 1017. अभिधानराजेन्द्रकोश, खण्ड 7, पृ. 1017. मनुस्मृति,4/12. नित्यस्मरण,पृ.4. 60. अभिधानराजेन्द्रकोश,खण्ड 7, पृ. 1018. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003607
Book TitleBharatiya Achar Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages554
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy