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सूत्रकृतांग, 2/6/26-29.
गीता, 2/47.
वही, 2/49.
गीतारहस्य, पृ. 481.
गीता शंकरभाष्य, 6/4; मनुस्मृति, 2 / 3; महाभारत, शान्तिपर्व, 177 / 25;
महानिद्देसपालि, 1/1/1..
भारतीय आचारदर्शन एक तुलनात्मक अध्ययन
गीता, 3/24.
गीतारहस्य, पृ. 482-483.
समयसार, 262.
ast, 265.
देखिए - दि एथिक्स आफ दि हिन्दूज, पृ. 321. इण्डियन फिलासफी (सिन्हा) भाग 2, पृ. 264.
दि. एथिक्स आफ दि हिन्दूज, पृ. 324. पुरुषार्थसिद्धयुपाय, 45.
धम्मपद, 294.
गीता, 18/17.
सूत्रकृतांग, 2/6/35.
इण्डियन फिलासफी (जे. एन. सिन्हा), भाग 2, पृ. 265.
नियमसार, 172.
जैनदर्शन में जिस प्रकार योग मानसिक और शारीरिक कृत्यता है, उसी प्रकार मिल के अनुसार अभिप्राय भी कृत्यता है, अत: दोनों ही समान कहे जा सकते हैं।
गीता, 14/12;3/37.
अंगुत्तरनिकाय, 3/107.
वही, 3/109.
उत्तराध्ययन 32/7. नियमसार, 171.
ए स्टडी आफ एथिकल प्रिन्सपुल्स (सेथ), पृ. 44.
ओघनियुक्ति, 754.
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