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भारतीय आचारदर्शन एक तुलनात्मक अध्ययन
19.
गीता
27.
30.
गीतारहस्य, पृ. 51. 20. महाभारत,शान्तिपर्व, 259/17-18. 21. वही,33/32. 22. मनुस्मृति, 1/85. 23. महाभारत,शान्तिपर्व, 63/11.
विसुद्धिमग्ग, भाग 1, पृ. 14. भगवान् बुद्ध, पृ. 161. एथिकल स्टडीज, पृ. 196. वही, पृ. 189. आचारांग, 1/4/1/127. उत्तराध्ययनसूत्र, अध्याय 23. चेलना के द्वारा अपने सतीत्व की रक्षा के लिए की गई आत्महत्या को जैन-विचारणा में अनुमोदित ही कियागया है। इसीप्रकारचेटकके द्वारान्याय कीरक्षा के लिए लड़ेगए युद्ध से उनके अहिंसा के व्रत को खण्डित नहीं मानागया है।
पाश्चात्य आचारशास्त्र का आलोचनात्मक अध्ययन, पृ. 139. 32. नीतिशास्त्रकापरिचय, डॉ. श्रीचन्द, पृ. 122. 33. कण्टेम्पररि ऐथिकलथ्योरीज, पृ. 163.
गीता, 3/21. 35. महाभारत, वनपर्व, 312/115. 36. उत्तराध्ययन, 1/42.
एथिकलस्टडीज, पृ. 193, 226.
अभिधानराजेन्द्रकोश, खण्ड 3, पृ. 902. 39. बृहत्कल्पनियुक्ति, 951.
गीता, 16/24. 41. महाभारत, वनपर्व, 312/115.
तस्माच्छास्त्रं प्रमाण ते कार्याकार्यव्यवस्थितौ।
ज्ञात्वा शास्त्रविधानोक्तं कर्म कर्तुमिहार्हसि।।- गीता. 16/24. 43. कण्टेम्पररि एथिकल थ्योरीज, पृ. 163.
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