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उदाहरण को दृष्टान्त भी कहते साधर्म्य वैधर्म्य भेद से दो प्रकार के होते पक्ष में साधन को दोहराना उपनय तथा साध्य की सिध्दि निगमन है
सर्वज्ञ एवं हो वीतराग ऐसे आप्त पुरूष के वचनों का संग्रह शब्द या आगम प्रमाण के रूप में जाना जाता ये है कुल छह प्रमाण सम्पूर्ण जैनदर्शन की खान
अनुभूति एवं दर्शन / 36
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