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चारित्र चक्रवर्ती अक्षयतृतीया पुण्यपर्व संघ ने यहाँ ही व्यतीत किया। उस दिन जिस घर को आचार्य महाराज ने आहार-ग्रहण द्वारा पवित्र किया था, वह महाराज श्रेयांस के अक्षयदान की स्मृति कराता था। समाज भी उसी भावना से अपने को कृतार्थ मानता था। यहाँ संघ ने सवा माह निवास किया था। उतने समय पर्यन्त आसपास के लोगों का आना-जाना लगा रहा। उससे वहाँ मेलासदृश लगता रहा।
यहाँ से स्वपरोपकार करते हुए आचार्य महाराज ने बैसाख सुदी चौदस को विहार किया। खतौली होते हुए ज्येष्ठ सुदी नवमी को संघ मुजफ्फरपुर आया। यहाँ अच्छी धर्मप्रभावना हुई। दिल्ली चातुर्मास
इस प्रकार अनेक स्थानों के भव्य जीवों का कल्याण करते हुए दिल्ली समाज के सौभाग्य से पुनः संघ वहाँ आ गया। संघ ने राजधानी में ही चातुर्मास करने का निश्चय किया। संघ का निवास दरियागंज में हुआ था। पहले गुरुदेव के वियोग से जिन लोगों को संताप पहुँचा था, उनके आनन्द का पारावार न रहा जब उनको यह ज्ञात हुआ कि अब दिल्ली का भाग्य पुनः जग गया, जहाँ ऐसे महान् मुनिराज का चार माह तक धर्मोपदेश होगा।
वहाँ श्रावण वदी चौदस को आचार्यश्री का केशलोंच हुआ। खूब प्रभावना हुई। हजारों जैन-अजैनों ने उस तपश्चर्या को देखकर अपने जन्म को सफल समझा। बहुत लोग तो प्रभु से यह प्रार्थना करते थे कि कभी हमारी आत्मा भी इस महान् तपस्या करने के योग्य बन जावे। महापुराण में श्रावकों के संस्कारों का वर्णन करते हुए चौलकर्म में यह मंत्र आया है 'निर्ग्रन्थ मुण्डभागी भव।' इसका भाव यह है, हे शिशु, अभी तो तेरे केशों को नाई द्वारा दूर कराया है, किन्तु आगामी तू निर्ग्रन्थ दीक्षा धारण करते हुए केशों के लोच द्वारा मुंडित मस्तक वाला बने ऐसी आकांक्षा है। यहाँ तो केशलोंच से संस्कृत आचार्यश्री का मस्तक उस मंत्र को वर्तमान में चारितार्थ करता था।
लोगों के मन में आशंका होती थी कि अंग्रेजों का राज्य है, कहीं राजधानी में मुनि विहार पर प्रतिबंध न आ जावे, किन्तु आचार्यश्री के सामने भय का नाम नहीं था। वे तो पूर्णतया निर्भय हैं। मृत्यु से भी सदा जूझने को तैयार रहते रहे हैं। उनको किस बात का डर होगा। हाँ! जिनेन्द्राज्ञा के उल्लंघन से वे सदा डरते रहे हैं। वे यही ध्यान रखते थे कि कहीं कदाचित् जिनेन्द्र भगवान् के आदेश का भंग हमसे न हो जावे। वे शास्त्रोक्त जीवन व्यतीत करते थे। समस्त देहली में दिगम्बर मुनियों का स्वतंत्र विहार
मुनि संघ दरियागंज में स्थित था, किन्तु संघ के साधु आहार के लिए दिल्ली शहर के
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