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प्रभात
आती थी और सरलता पूर्वक विस्मृत हो जाती थी। क्या आपने कभी यह सिखाना भी सोचा कि किस प्रकार किसी नगर का घेरा डाला जाता है या किस प्रकार किसी सेना को संग्रामार्थ सन्नद्ध किया जाता है। इन बातों के विषय में तो मुझे आपके स्थान पर दूसरों का आभार मानना पड़ेगा।" बालयोगी का जीवन
आचार्यश्री को चरित्र का चक्रवर्ती बनना था, इसलिये इनके बाल्य जीवन में विकृतियों पर विजय की तैयारी दिखती थी। ये बालयोगी सरीखे दिखते थे। भोज ग्राम में जो शिक्षण उपलब्ध हो सकता था, वह इन्होंने प्राप्त किया था। इनकी मुख्य शिक्षा वीतराग महर्षियों द्वारा रचे गये, रत्नत्रय का वैभव बताने वाले शास्त्रों के स्वाध्याय के रूप में थी। अनुभवजन्य शिक्षा का इनके जीवन में प्रमुख स्थान था। गांधीजी के पिता को भी यही शिक्षा मिली थी। उन्होंने लिखा है, "पिताजी को जो कुछ भी शिक्षा मिली थी, वह अनुभवजन्य थी। इतिहास या भूगोल की शिक्षा तो उन्हें बिल्कुल ही नहीं मिली थी, पर उनका व्यवहारिक ज्ञान इतना अधिक और उत्तम था कि सूक्ष्म विषयों या प्रश्नों का समाधान करना अथवा हजारों आदमियों से काम निकाल लेना, उनके लिये बायें हाथ का खेल था। इन कामों के लिये उन्हें तनिक भी कठिनाई नहीं होती थी।"(पृष्ठ १३-आत्मकथा) अनुभवजन्य ज्ञान __ अनुभव के आधार पर प्राप्त ज्ञान बड़ा खरा, सच्चा और मार्मिक होता है। अनेक प्रतापी नरेशों के विषय में कहा जाता है कि उनका ज्ञान और अनुभव सत्संगति के निमित्त से विकसित हुआ था। विश्व के विद्वानों द्वारा अपनी अपूर्व उक्ति और सूझ के
1. Aurangzeb in a letter to his tutor writes, "You told my father Shahjahan that you would teach me philosophy ...It's true, I remember only well that you have entertained me many years with airy question of things, that afford no satisfaction to the mind and are of no use in human society, empty notions and mere fancies that have only this in them that they are very hard to understand and very easy to forget.
Have you ever taken care to make me learn what it's to besiege a town or to set an army in array. For these things I am obliged to others and not at all to you." A treasury of the world's great letters Ed. by M.Lincoln SCHUSTER 1941, pp. 90-91. २. पूर्व कृत कर्मों के क्षयोपशम के कारण प्राप्त विशिष्ट ज्ञान अथवा वर्तमान में परिस्थितियों के द्वारा सिखलाया गयाज्ञान॥
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