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________________ सूत्रकृतांग सूत्र अन्वयार्थ (अगारं पि य) घर (गृहस्थ) में भी (आवसे) निवास करता हुआ (नरे) मनुष्य (अणुपुत्वं) क्रमशः (पाणेहिं संजए) प्राणियों पर संयम · दयाभाव रखकर तथा (सव्वत्थ) सब प्राणियों पर (समता) समभाव रखता हुआ (स) वह (सुव्वते) व्रती श्रावक (देवाणं) देवों के (लोगं) लोक को (गच्छे) जाता है । भावार्थ जो पुरुष गृह (घर) में निवास करता हआ भी क्रमशः श्रावकधर्म को प्राप्त करके प्राणियों की हिंसा से निवृत्त हो जाता है तथा सर्वत्र समता रखता है, वह सुव्रती गृहस्थ भी देवों के लोक में चला जाता है । व्याख्या व्रतधारी गृहस्थ भी सुगति प्राप्त करता है इस गाथा में सुव्रती गृहस्थ को भी देवलोक में सुगति बताकर प्रकारान्तर से महाव्रती साध को अहिंसा और समता के उच्च आचरण की प्रेरणा दी गयी है'अगारं पि य आवसे ...." देवाणं गच्छे स लोगयं ।' आशय यह है कि गृहस्थ में रहता हुआ भी जो मनुष्य क्रमशः श्रावकधर्म को अंगीकार करके यथाशक्ति मर्यादानुसार प्राणिहिंसा पर संयम रखता है, तथा आर्हतप्रवचनोक्त समस्त एकेन्द्रियादि प्राणियों के प्रति समभाव रखकर अन्य प्राणियों को भी आत्मवत् मानता है, वह सुव्रती श्रावक गृहस्थ होकर भी इन्द्रादि देवों के लोक में जाता है, तो फिर पंचमहाव्रतधारी उत्कृष्ट संयमी महासत्त्व साधुओं की तो बात ही क्या ? मूल पाठ सोच्चा भगवाणुसासणं सच्चे तत्थ करेज्जुवक्कम । सव्वत्थ विणीयमच्छरे उंछं भिक्खु विसुद्धमाहरे ॥१४॥ संस्कृत छाया श्र त्वा भगवदनशासनं सत्ये तत्र कुर्यादुपक्रमम् । सर्वत्र विनीतमत्सरः उञ्छं भिक्षुर्विशुद्धमाहरेत् ॥१४॥ अन्वयार्थ (भगवाणुसासणं) भगवान् के अनुशासन- आगम को (सोच्चा) सुनकर (तत्थ सच्चे) उस प्रवचन (आगम) में कहे गए सत्य सिद्धान्त–संयम में अथवा उक्त आगमोक्त तथ्य-सत्य में (उवक्कम करेज्ज) उद्योग-पराक्रम करे। (सव्वत्थ) सर्वत्र (विणीयमच्छरे) मत्सररहित होकर (भिक्खु) भिक्षाजीवी साधु (विसुद्ध) शुद्ध (उछ) भिक्षा (आहरे) लाए। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003599
Book TitleAgam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHemchandraji Maharaj, Amarmuni, Nemichandramuni
PublisherAtmagyan Pith
Publication Year1979
Total Pages1042
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sutrakritang
File Size17 MB
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