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ठाणं (स्थान)
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स्थान ८ : सूत्र ५८-६७ ५८. कालोदे णं समुद्दे अट्ट जोयणसय- कालोदः समुद्रः अष्ट योजनशतसहस्राणि ५८. कालोद समुद्र की गोलाकार चौड़ाई आठ सहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं चक्रवाल विष्कम्भेण प्रज्ञप्तः ।
लाख योजन की है। पण्णत्ते। ५६. अब्भंतरपुक्खरद्धे णं अट्ट जोयण- अभ्यन्तरपुष्कराध: अष्ट योजनशत- ५६. आभ्यन्तर पुष्करार्ध की गोलाकार चौड़ाई
सयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं सहस्राणि चक्रवालविष्कम्भेण प्रज्ञप्तः। आठ लाख योजन की है।
पण्णत्ते। ६०. एवं बाहिरयुक्खरद्धेवि। __ एवं वाह्यपुष्करा!पि।
६०. इसी प्रकार वाह्य पुष्कराध की गोलाकार
चौड़ाई आठ लाख योजन की है।
काकणिरयण-पदं काकिनीरत्न-पदम्
काकिनीरत्न-पद ६१. एगमेगस्स णं रण्णो चाउरतचक्क- एकैकस्य राज्ञः चतुरन्तचक्रवत्तिनः ६१. प्रत्येक चतुरन्त चक्रवर्ती राजा के आठ
वट्टिस्स अट्ठसोवण्णिए काकणि- अष्टसौवणिकं काकिनीरत्नं पट्तलं सुवर्ण जितना भारी काकिणी रत्न होता रयणे छत्तले दुवालसंसिए अट्ठ- द्वादशास्रिकं अष्टकणिकं अधिकरणीय- है। वह छह तल (मध्यखण्ड), बारहकोण, कण्णिए अधिकरणिसं ठिते। संस्थितम् ।
आठ कणिका (कोण-विभाग) और अहरन के संस्थान वाला होता है।
मागध-जोयण-पदं मागध-योजना-पदम्
मागध-योजना-पद ६२. मागधस्स णं जोयणस्स अट्ट धणु- मागधस्य योजनस्य अष्ट धनुःसहस्राणि ६२. मगध में योजन" का प्रमाण आठ हजार सहस्साई णित्ते पण्णत्ते। निधत्तं प्रज्ञप्तम्।
धनुष्य का है।
जंबूदीव-पदं जम्बूद्वीप-पदम्
जम्बूद्वीप-पद ६३. जंबू णं सुदंसणा अट्ट जोयणाई जम्बूः सुदर्शना अष्ट योजनानि ६३. सुदर्शना जम्बू वृक्ष आठ योजन ऊँचा है।
उड उच्चत्तेणं, बहुमज्झदेसभाए ऊर्ध्व उच्चत्वेन, बहुमध्यदेशभागे अष्ट वह बहुमध्य-देशभाग [ठीक बीच में अट्र जोयणाई विक्खंभेणं, साति- योजनानि विष्कम्भेण, सातिरेकानि अष्ट आठ योजन चौड़ा और सर्व परिमाण में रेगाई अटु जोयणाई सव्वग्गेणं योजनानि सर्वाग्रेण प्रज्ञप्ता।
आठ योजन से अधिक है। पण्णत्ता। ६४. कूडसामली णं अट्ठ जोयणाई एवं कूटशाल्मली अष्ट योजनानि एवं ६४. कूटशाल्मली वृक्ष आठ योजन ऊंचा है।
वह बहुमध्य-देशभाग में आठ योजन चौडा चैव।
और सर्व परिमाण में आठ योजन से
अधिक है। ६५. तिमिसगुहा णं अटु जोयणाई उड्ड तमिस्रगुहा अष्ट योजनानि ऊर्व ६५. तमिस्र गुफा आठ योजन ऊंची है। उच्चत्तणं।
उच्चत्वेन । ६६. खंडप्पवातगुहा णं अट्ठ 'जोयणाई खण्डप्रपातगुहा अष्ट योजनानि ऊर्ध्व ६६. खण्डप्रपात गुफा आठ योजन ऊंची है। उड्ड उच्चत्तेणं।
उच्चत्वेन । ६७. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स जम्बूद्वीपे द्वीपे मन्दरस्य पर्वतस्य पौरस्त्ये ६७. जम्बूद्वीप द्वीप के मन्दर पर्वत के पूर्व में
चेव।
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