SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 380
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ठाणं (स्थान) ३३६ स्थान ४: सूत्र २११-२१५ अज्ज-अणज्ज-पदं आर्य-अनार्य-पदम् आर्य-अनार्य-पद २११. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २११. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष जाति से भी आर्य और गुण अज्जे णाममेगे अज्जे, आर्यः नामैक: आर्यः, से भी आर्य होते हैं, २. कुछ पुरुष जाति अज्जे णाममेगे अणज्जे, आर्यः नामैकः अनार्यः, से आर्य, किन्तु गुण से अनार्य होते हैं, अणज्जे णाममेगे अज्जे, अनार्यः नामकः आर्यः, ३. कुछ पुरुष जाति से अनार्य, किन्तु गुण अणज्जे णाममेगे अणज्जे। अनार्यः नामकः अनार्यः । से आर्य होते हैं, ४. कुछ पुरुष जाति से भी अनार्य और गुण से भी अनार्य होते हैं। २१२. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २१२. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष जाति से आर्य और आर्य अज्जे णाममेगे अज्जपरिणए, आर्यः नामैकः आर्यपरिणतः, रूप में परिणत होते हैं, २. कुछ पुरुष अज्जे णाममेगे अणज्जपरिणए, आर्यः नामैकः अनार्यपरिणतः, जाति से आर्य, किन्तु अनार्य रूप में परिअणज्जे णाममेगे अज्जपरिणए, अनार्यः नामैकः आर्यपरिणतः, णत होते हैं, ३. कुछ पुरुष जाति से अनार्य, अणज्जे णाममेगे अणज्जपरिणए। अनार्यः नामैकः अनार्यपरिणतः । किन्तु आर्य रूप में परिणत होते हैं, ४. कुछ पुरुष जाति से अनार्य और अनार्य रूप में परिणत होते हैं। २१३. 'चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २१३. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष जाति से आर्य और आर्य अज्जे णाममेगे अज्जरूवे, आर्यः नामैक: आर्यरूपः, रूप वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष जाति से अज्जे णाममेगे अणज्जरूवे, आर्यः नामैकः अनार्यरूपः, आर्य, किन्तु अनार्य रूप वाले होते हैं, अणज्जे णाममेगे अज्जरूवे, अनार्यः नामैकः आर्यरूपः, ३. कुछ पुरुष जाति से अनार्य, किन्तु आर्य अणज्जे णाममेगे अणज्जरूवे। अनार्यः नामैकः अनार्यरूपः । रूप वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष जाति से अनार्य और अनार्य रूप वाले होते हैं। २१४. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २१४. पुरुष चार प्रका जहातद्यथा १. कुछ पुरुष जाति से आर्य और आर्य अज्जे णाममेगे अज्जमणे, आर्यः नामैक: आर्यमनाः, मन वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष जाति से अज्जे णाममेगे अणज्जमणे, आर्यः नामैकः अनार्यमनाः, आर्य, किन्तु अनार्य मन वाले होते हैं, अणज्जे णाममेगे अज्जमणे, अनार्य नामैकः आर्यमनाः, ३. कुछ पुरुष जाति से अनार्य, किन्तु आर्य अणज्जे णाममेगे अणज्जमणे। अनार्यः नामैकः अनार्यमनाः । मन वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष जाति से अनार्य और अनार्य मन वाले होते हैं। २१५. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २१५. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष जाति से आर्य और आर्य अज्जे णाममेगे अज्जसंकप्पे, आर्यः नामकः आर्यसंकल्पः, संकल्प वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष जाति For Private & Personal use only www.jainelibrary.org Jain Education International
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy