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६२-६३. तीसरी-चौथी नरकपृथ्वी में उत्पन्न नैरयिकों
की स्थिति ६४-६६. अग्रमहिषियां ६७-६६. देव-स्थिति १००-१०१. देवों के निश्रित देवता १०२-१०४. देव-स्थिति
१०५.विमानों की ऊंचाई १०६-१०६. देवों के शरीर की ऊंचाई ११०-१११. नंदीश्वरद्वीप
११२. श्रेणियों के प्रकार ११३..१२२. देवताओं की सेना और सेनाधिपति १२३-१२८. देवताओं के कच्छ आदि से संबंधित विविध
जानकारी १२६. वचन-विकल्प के प्रकार १३०-१३७. विनय और उसके भेद-प्रभेद १३८-१३६. समुद्घात १४०-१४२. प्रवचन-निन्हव, उनके धर्माचार्य और नगर १४३-१४४. वेदनीय कर्म के अनुभाव
१४५. महानक्षत्र के तारे १४६. पूर्वद्वारिक नक्षत्र १४७. दक्षिगद्वारिक नक्षत्र १४८. पश्चिमद्वारिक नक्षत्र
१४६. उत्तरद्वारिक नक्षत्र १५०-१५१. वक्षस्कार पर्वतों के कूट
१५२. द्वीन्द्रिय जीवों की कुल-कोटि
१५३. पाप-कर्मरूप में निर्वतित पुद्गल १५४-१५५. पुद्गल-पद
१८. आलोचना (प्रायश्चित्त) देने वाले के गुणों का
निर्देश १६. स्वयं के दोषों की आलोचना करने वाले के गुण २०. प्रायश्चित्त के प्रकार २१. मद के प्रकार २२. अक्रियावादियों के प्रकार २३. महानिमित्त के प्रकार २४. वचन-विभक्ति के प्रकार २५. छद्मस्थ और केवली का सर्वभाव से जानना
देखना २६. आयुर्वेद के प्रकार २७-३०. अग्रमहिषियां
३१. महाग्रह
३२. तृणवनस्पति के प्रकार ३३-३४. चतुरिन्द्रिय जीवों से सम्बन्धित संयम-असंयम
३५. सूक्ष्म के प्रकार ३६. भरत चक्रवर्ती के पुरुष युग ३७. अर्हत् पार्श्व के गण ३८. दर्शन के प्रकार ३६. औपमिक काल के प्रकार ४०. अरिष्टनेमि से आठवें पुरुषयुग तक युगान्तर
भूमि का निर्देश ४१. महावीर द्वारा प्रवजित राजे
४२. आहार के प्रकार ४३.४४. कृष्णराजि ४५-४७. लोकान्तिक विमान, देव और स्थिति ४८-५१. मध्य प्रदेश
५२. अर्हत् महापद्म द्वारा प्रवजित होने वाले राजे ५३. वासुदेव कृष्ण की अग्रमहिषियां ५४. वीर्यप्रवाद पूर्व की वस्तु और चूलिका वस्तु
५५. गति के प्रकार ५६-६०. द्वीप और समुद्रों का परिमाण
६१. काकणिरत्न का संस्थान
६२. मगध देश के योजन का परिमाण ६३-६८. जंबूद्वीप, धातकीषण्ड और अर्द्ध पुष्करद्वीप से
संबंधित विविध जानकारी १६-१००. महत्तरिकाएं १०१. तिर्यञ्च और मनुष्य -दोनों के उत्पन्न होने
योग्य देवलोकों का निर्देश १०२-१०३. इन्द्र और उनके पारियानिक विमान
१०४.प्रतिमा १०५-१०६. विभिन्न दृष्टियों से जीवों का वर्गीकरण
आठवां स्थान १. एकलविहार-प्रतिमा-संपन्न अनगार के गुण २. योनिसंग्रह के प्रकार ३-४. गति-आगति ५-८. कर्मबंध ६-१०. मायावी की अनालोचना-आलोचना
११. संवर के प्रकार १२. असंवर के प्रकार १३. स्पर्श के प्रकार १४. लोकस्थिति के प्रकार १५. गणि की संपदा १६. महानिधि का आधार और ऊंचाई १७. समिति की संख्या
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