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________________ ८४-२१. क्रोध आदि कषायों के प्रकार ३२- ९५. कर्म - प्रकृतियों का चय आदि १०२. सत्य के प्रकार १०३. असत्य के प्रकार १०४. प्रणिधान के प्रकार ६८. प्रतिमा ( विशिष्ट साधना ) के प्रकार ६- १००. अस्तिकाय १०१. पक्व और अपक्व के उदाहरण से पुरुष के वय १६०-१९३ प्रतिसंलीन- अप्रतिसंलीन औरत का निरूपण १०५-१०६. सुप्रणिधान और दुष्प्रणिधान के प्रकार (RE) १०७. प्रथम मिलन और चिर सहवास के आधार पर पुरुषों के प्रकार २३६-२४०. हाथियों के प्रकार और स्वरूप प्रतिपादन के आधार पर पुरुषों का निरूपण २४१-२४५. विकथाओं के प्रकार और भेद-प्रभेद २४६-२५०. कथाओं के प्रकार और भेद-प्रभेद १०८-११०. वर्ज्य के आधार पर पुरुषों के प्रकार १११-११५. लोकोपचार विनय के आधार पर पुरुषों के २५१-२५३. कृशता और दृढ़ता के आधार पर पुरुषों की प्रकार मनः स्थिति का निरूपण ११६-१२०. स्वाध्याय-भेदों के आधार पर पुरुषों के प्रकार १२१-१२२. लोकपाल १२३. वायुकुमार के प्रकार १२४. देवताओं के प्रकार १२५. प्रमाण के प्रकार १२६- १२७. महत्तरिकाएं १२८-१२६. देवताओं की स्थिति १३०. संसार के प्रकार १३१. दृष्टिवाद के प्रकार १३२-१३३. प्रायश्चित्त के प्रकार १३४. काल के प्रकार १३५. पुद्गल का परिणाम १३६-१३७. चातुर्याम धर्म १३८-१३६. दुर्गति और सुगति के प्रकार १४०-१४१. दुर्गत और सुगत के प्रकार १४२-१४४. सत्कर्म और उनका क्षय करने वाले १४५. हास्य की उत्पत्ति के हेतु १४६. अन्तर के प्रकार १८७. कूटागार शालाओं के उदाहरण से स्त्रियों की अवस्थाओं का निरूपण Jain Education International १८८. अवगाहना के प्रकार १८६. अंगबाह्य प्रज्ञप्तियां १९४-२१०. दीन-अदीन के आधार पर पुरुषों के प्रकार २११-२२८. आर्य-अनार्य के आधार पर पुरुषों के प्रकार २२६-२३५. वृषभों के प्रकार तथा उनके आधार पर पुरुषों का निरूपण २५४. विशिष्ट ज्ञान दर्शन की उत्पत्ति में बाधक तत्त्व २५५. विशिष्ट ज्ञान दर्शन की उत्पत्ति में साधक तत्त्व २५६. आगम स्वाध्याय के लिए वर्जित तिथियां २५७. आगम स्वाध्याय के लिए वर्जित संध्याएं २५८. स्वाध्याय का काल २५६. लोकस्थिति २६०. पुरुष के प्रकार २६१-२६३. स्व-पर के आधार पर पुरुषों की विभिन्न प्रवृत्तियां २६४. गर्दा के कारण २६५. स्व पर निग्रह के आधार पर पुरुषों का वर्गीकरण २६६. ऋजु-वक्र मार्गों के आधार पर पुरुषों का वर्गीकरण २६७-२६८. क्षेम-अक्षेम मार्गों के आधार पर पुरुषों का वर्गीकरण २६. शंखों के प्रकार और पुरुषों के स्वभाव का वर्णन २७०. धूमशिखा के प्रकार और स्त्रियों के स्वभाव का वर्णन १४७. मृतकों के प्रकार १४८. दोष सेवन की दृष्टि से पुरुषों के प्रकार १४-१८२. विभिन्न देवों की अग्रमहिषियां १८३. गोरस की विकृतियां १८४. स्नेहमय विकृतियां १८५. महाविकृतियां १८६. कूटागार के उदाहरण से पुरुषों की अवस्थाओं २७५-२७७. तमस्काय के विभिन्न नाम का निरूपण २७१-२७२. अग्निशिखा और वातमंडलिका के प्रकारों के आधार पर स्त्रियों के स्वभाव का वर्णन २७३. वनपण्ड के प्रकारों के आधार पर पुरुषों के स्वभाव का वर्णन २७४. निर्ग्रन्थी के साथ आलाप संलाप की स्वीकृति २७८. तनस्कारा द्वारा आवृत कल्प ( देवलोक ) २७६. पुरुषों के प्रकार For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
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