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भगवई
श. १२ : उ. ४ : सू.६६-७३
३० चउहा कज्जमाणे चत्तारि परमाणु- चतुर्धा क्रियमाणः चत्वारः परमाणुपोग्गला भवंति॥
पुद्गलाः भवन्ति।
चार भागों में विभक्त होने पर-चार स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल हो जाते हैं।
७२. पंच भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ
साहण्णंति, साहणित्ता किं भवइ ?
पञ्च भदन्त! परमाणुपुद्गलाः एकतः ७२. भंते ! पांच परमाणु-पुद्गल एकत्र संहत संहन्यन्ते, संहत्य किं भवति?
होते हैं, उस संहति से क्या निष्पन्न होता
गौतम ! पांच प्रदेशी स्कन्ध निष्पन्न होता है। वह टूटने पर दो, तीन, चार अथवा पांच भागों में विभक्त होता हैदो भागों में विभक्त होने पर-एक ओर एक परमाणु-पुद्गल दूसरी ओर चतुष्प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर द्विप्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर त्रिप्रदेशी स्कंध होता है।
गोयमा ! पंचपएसिए खंधे भवइ। से गौतम! पञ्चप्रदेशिकः स्कन्धः भवति। भिज्जमाणे दुहा वि तिहा वि चउहा वि सः भिद्यमानः द्विधा अपि त्रिधा अपि पंचहा वि कज्जइ
चतुर्धा अपि पञ्चधा अपि क्रियतेदुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणु- द्विधा क्रियमाणः एकतः परमाणुपोग्गले, एगयओ चउपएसिए खंधे पुद्गलः, एकतः चतुष्प्रदेशिकः स्कन्धः भवइ; अहवा एगयओ दुपसिए खंधे, भवति, अथवा एकतः द्विप्रदेशिक: एगयओ तिपसिए खंधे भवइ। स्कन्धः भवति, एकतः त्रिप्रदेशिक:
स्कन्धः भवति। तिहा कुज्जमाणे एगयओ, दो त्रिधा क्रियमाणः एकतः द्वौ परमाणु परमाणुपोग्गला एगयओ तिपएसिए पुदगलौ एकतः त्रिप्रदेशिकः स्कन्धः खंधे भवइ, अहवा एगयओ परमाणु- भवति, अथवा एकतः परमाणुपुद्गल, पोग्गले, एगयओ दो दुपएसिया खंधा एकतः द्वौ द्विप्रदेशिको स्कन्धौ भवतः। भवंति। चउहा कज्जमाणे एगयओ तिण्णि चतुर्धा क्रियमाणः एकतः त्रयः परमाणुपरमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए पुद्गलाः, एकतः द्विप्रदेशिक: स्कन्धः खंधे भवइ।
भवति। पंचहा कज्जमाणे पंच परमाणु- पञ्चधा क्रियमाणः पञ्च परमाणुपोग्गला भवंति॥
पुद्गलाः भवन्ति।
तीन भागों में विभक्त होने पर-एक ओर दो स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल दूसरी ओर त्रिप्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर एक स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर दो द्विप्रदेशी स्कंध होते हैं। चार भागों में विभक्त होने पर-एक ओर तीन स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर द्विप्रदेशी स्कंध होता है। पांच भागों में विभक्त होने पर पांच स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल हो जाते हैं।
७३. छब्भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ
साहण्णंति, साहणित्ता किं भवइ ?
षट् भदन्त! परमाणुपुद्गलाः एकतः संहन्यन्ते, संहत्य किं भवति?
७३. भंते ! छह परमाणु-पुद्गल एकत्र संहत
होते हैं, उस संहति से क्या निष्पन्न होता
गोयमा छप्पएसिए खंधे भवइ। से गौतम! षड् प्रदेशिकः स्कन्धः भवति। भिज्जमाणे दुहा वि तिहा वि जाव सः भिद्यमानः द्विधा अपि त्रिधा अपि । छब्बिहा वि कज्जइ
यावत् षड्विधा अपि क्रियतेदुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणु- द्विधा क्रियमाणः एकतः परमाणुपोग्गले, एगयओ पंचपएसिए खंधे पुद्गलः, एकतः पञ्चप्रदेशिकः स्कन्धः भवइ; अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे, भवति, अथवा एकतः द्विप्रदेशिकः एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ स्कन्धः, एकतः चतुष्प्रदेशिक: स्कन्धः अहवा दो तिपएसिया खंधा भवंति। भवति, अथवा द्वौ त्रिप्रदेशिको स्कन्धौ
भवतः। तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणु त्रिधा क्रियमाण: एकत द्वौ परमाणुपोग्गला, एगयओ चउपएसिए खंधे पुद्गलौ, एकतः चतुष्प्रदेशिकः स्कन्धः भव; अहवा एगयओ परमाणु- भवति, अथवा एकतः परमाणुपुद्गलः, पोग्गले, एगयओ दुपएसिए खंधे, ___एकतः द्विप्रदेशिक: स्कन्धः, एकतः एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ; अहवा त्रिप्रदेशिक: स्कन्धः भवति, अथवा तिण्णि दुपएसिया खंधा भवंति। त्रयः द्विप्रदेशिकाः स्कन्धाः भवन्तिः।
गौतम ! छह प्रदेशी स्कन्ध निष्पन्न होता है। वह टूटने पर दो अथवा तीन यावत् छः भागों में विभक्त होता हैदो भागों में विभक्त होने पर-एक ओर एक स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर पांच प्रदेशी स्कन्ध होता है अथवा एक ओर द्विप्रदेशी स्कन्ध, दूसरी ओर चार प्रदेशी स्कन्ध होता है अथवा दो तीन-तीन प्रदेशी स्कन्ध होते हैं। तीन भागों में विभक्त होने पर-एक ओर दो स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर चतुष्प्रदेशी स्कन्ध होता है अथवा एक ओर एक स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर द्विप्रदेशी स्कन्ध, तीसरी ओर तीन प्रदेशी स्कन्ध होता है अथवा तीन द्विप्रदेशी स्कन्ध होते हैं।
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