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दसमो उद्देसो : दसवां उद्देशक
संस्कृत छाया
हिन्दी अनुवाद
ओहि-पदं १२३. कतिविहा णं भंते ! ओही पण्णता? गोयमा! दुविहा ओही पण्णत्ता। ओहीपदं निरवसेसं भाणियव्वं॥
अवधि-पदम् कतिविधः भदन्त! अवधिः प्रज्ञप्तः? गौतम! द्विविधः अवधिः प्रज्ञप्तः अवधिपदं निरवशेष भणितव्यम्।
अवधि पद १२३. भंते! अवधि कितने प्रकार का प्रज्ञप्त है? गौतम! अवधि दो प्रकार का प्रज्ञप्त है। अवधि पद (पण्णवणा पद ३३) निरवशेष वक्तव्य
१२४. सेवं भंते! सेवं भंते! जाव विहरइ॥
तदेवं भदन्त! तदेवं भदन्त! यावत् विहरति।
१२४. भंते ! वह ऐसा ही है। भंते! वह ऐसा ही है। यावत् विहरण करने लगे।
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