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अट्ठमो उद्देसो : आठवां उद्देशक
मूल
संस्कृत छाया
हिन्दी अनुवाद
अबाहाए अंतर-पदं १०. इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए सक्करप्पभाए य पुढवीए केवतिए अबाहाए अंतरे पण्णत्ते? गोयमा! असंखेज्जाई जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते॥
अबाधया अन्तर-पदम्
अबाधा अंतर पद अस्याः भदन्त! रत्नप्रभायाः पृथिव्याः ६०. भंते! इस रत्नप्रभा पृथ्वी और शर्कराप्रभा शर्कराप्रभायाः च पृथिव्याः कियत् पृथ्वी के मध्य कितना अबाधा अंतर प्रज्ञप्त अबाधया अन्तरं प्रज्ञप्तम्? गौतम! असंख्येयानि योजनसहस्राणि गौतम! असंख्येय हजार योजन अबाधा अंतर अबाधया अन्तरं प्रज्ञप्तम्।
प्रज्ञप्त है।
भाष्य १. सूत्र १०
किया है। असंख्येय हजार योजन-इस प्रसंग में वृत्तिकार के अनुसार प्रमाणांगुल के लिए द्रष्टव्य अणुओगद्दाराइं सूत्र ३८६ का प्रमाणांगुल योजन निर्दिष्ट है।' जयाचार्य ने वृत्तिकार का मत स्वीकार टिप्पण।
१. भंते! शर्कराप्रभा पृथ्वी और वालुकाप्रभा पृथ्वी के मध्य कितना अबाधा अंतर प्रज्ञप्त
११. सक्करपभाए णं भंते! पुढवीए शर्कराप्रभायाः भदन्त! पृथिव्याः वालुयप्पभाए य पुढवीए केवतिए अबाहाए वालुकाप्रभायाः च पृथिव्याः कियत् अंतरे पण्णत्ते?
अबाधया अन्तरं प्रज्ञप्तम्? एवं चेव। एवं जाव तमाए अहेसत्तमाए एवं चैव। एवं यावत् तमायाः । य॥
अधःसप्तम्याः च।
पूर्ववत्। इस प्रकार यावत् तमा और अधः सप्तमी के मध्य अबाधा अंतर की वक्तव्यता।
६२. अहेसत्तमाए णं भंते! पुढवीए
अलोगस्स य केवतिए अबाहाए अंतरे पण्णत्ते? गोयमा! असंखेज्जाई जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते॥
अधःसप्तम्याः भदन्त! पृथिव्याः १२. भंते! अधःसप्तमी पृथ्वी और अलोक के अलोकस्य च कियत् अबाधया अन्तरं मध्य कितना अबाधा अंतर प्रज्ञप्त है? प्रज्ञप्तम्? गौतम! असंख्येयानि योजनसहस्राणि गौतम! असंख्येय हजार योजन अबाधा अंतर अबाधया अन्तरं प्रज्ञप्तम्।
प्रज्ञप्त है।
१३. इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए
जोतिसस्स य केवतिए अबाहाए अंतरे पण्णत्ते? गोयमा ! सत्तनउए जोयणसए अबाहाए अंतरे पण्णत्ते॥
अस्याः भदन्त! रत्नप्रभायाः पृथिव्याः ६३. भंते! रत्नप्रभा पृथ्वी और ज्योतिष्क के ज्योतिषः च कियत् अबाधया अन्तरं मध्य कितना अबाधा अंतर प्रज्ञप्त है? प्रज्ञप्तम् ? गौतम! सप्तनवतिः योजनशतम गौतम! सात सौ नब्बे योजन का अबाधा अंतर अबाधया अन्तरं प्रज्ञप्तम्।
प्रज्ञप्त है।
६४. जोतिसस्स णं भंते ! सोहम्मीसाणाण ज्योतिषः भदन्त! सौधर्मेशानानां च ६४. भंते! ज्योतिष्क और सौधर्म-ईशान कल्प
य कप्पाणं केवतिए अबाहाए अंतरे कल्पानां कियत् अबाधया अन्तरं के मध्य कितना अबाधा अंतर प्रज्ञप्त है? पण्णत्ते?
प्रज्ञप्तम्? १. भ. वृ. १४/६० इह योजनं प्रायः प्रमाणांगुलनिष्पन्नं ग्राह्यं नगपुढविविमाणाई २. भ. जो. ढा. ३००/११।
मिणसु पमाणंगुलेणं तु।
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