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चउत्थो उद्देसो : चौथा उद्देशक
हिन्दी अनुवाद
मूल
संस्कृत छाया नरय-नेरइयाणं अपमहंत-पदं
नरक-नैरयिकानाम् अल्पमहत्-पदम् ४२. कति णं भंते ! पुढवीओ कति भदन्त! पृथिव्यः प्रज्ञप्ताः?
पण्णत्ताओ? गोयमा ! सत्त पुढवीओ पण्णत्ताओ, तं गौतम! सप्त पृथिव्यः प्रज्ञप्ताः, तद्यथाजहा-रयणप्पभा जाव अहेसत्तमा॥ रत्नप्रभा यावत् अधःसप्तमी।
नरक और नैरयिकों में अल्प-महत् पद ४२. भंते! पृथ्वियां कितनी प्रज्ञप्त हैं?
गौतम! पृथ्वियां सात प्रज्ञप्त हैं, जैसे रत्नप्रभा यावत् अधःसप्तमी।
४३. अहेसत्तमाए णं भंते ! पुढवीए पंच अधःसप्तम्यां भदन्त! पृथिव्यां पञ्च ४३. भंते! अधःसप्तमी पृथ्वी के पांच अनुत्तर
अणुत्तरा महतिमहालया महानिरया अनुत्तराः महामहान्तः । महानिरयाः । विशालतम महानरक प्रज्ञप्त हैं, जैसे-काल, पण्णत्ता, तं जहा-काले, महाकाले, प्रज्ञप्ताः, तद्यथा-कालः, महाकालः, महाकाल, रोरुक, महारोरुक, अप्रतिष्ठान। रोरुए, महारोरुए, अपइट्ठाणे। ते णं रोरुकः, महारोरुकः, अप्रतिष्ठानः। ते वे नरक षष्ठी तमा पृथ्वी के नरकों से नरगा छट्टीए तमाए पुढवीए नरएहितो नरकाः षष्ठ्याः तमायाः पृथिव्याः । महत्तर-अधिक लम्बाई वाले हैं, महामहत्तरा चेव, महावित्थिण्णतरा चेव, नरकेभ्यः महत्तराः चैव, महा- विस्तीर्णतर-अधिक चौड़ाई वाले हैं, महामहोगासतरा चेव, महापइरिक्कतरा विस्तीर्णतराः चैव, महावकाशतराः अवकाशतर हैं, महा प्रतिरिक्ततर-अधिक चेव, नो तहा महप्पवेसणतरा चेव, चैव, महाप्रतिरिक्ततराः चैव, नो तथा एकान्त वाले हैं, तमा की भांति आइण्णतरा चेव, आउलतरा चेव, महाप्रवेशनतराः चैव, आकीर्णतराः चैव, महाप्रवेशनतर नहीं हैं, आकीर्णतर नहीं हैं, अणोमाणतरा चेव। आकुलतराः चैव, अनवमानतराः चैव। आकुलतर नहीं हैं, अनवमानतर नहीं
हैं-अतिशय रूप से भरे हुए नहीं हैं। तेसु णं नरएसु नेरइया छट्ठीए तमाए तेषु नरकेषु नैरयिकाः षष्ठ्याः तमायाः अधःसप्तमी के नरकावासों के नैरयिक छठी पुढवीए नेरइएहितो महाकम्मतरा चेव, पृथिव्याः नैरयिकेभ्यः महाकर्मतराः चैव, तमा पृथ्वी के नैरयिकों से महाकर्मतर हैं, महाकिरियतरा चेव, महासवतरा चेव, महाक्रियातराः चैव, महाश्रवतराः चैव, महाक्रियातर हैं, महाआश्रवतर हैं, महावेदणतरा चेव, नो तहा अप्प- महावेदनातराः चैव, नो तथा महावेदनतर हैं, वैसे अल्पकर्मतर नहीं हैं, कम्मतरा चेव, अप्पकिरियतरा चेव, अल्पकर्मतराः चैव, अल्पक्रियातराः चैव, अल्पक्रियातर नहीं हैं, अल्पआश्रवतर नहीं अप्पासवतरा चेव, अप्पवेदणतरा चेव, अल्पाश्रवतराः चैव, अल्पवेदनातराः हैं, अल्पवेदनतर नहीं हैं, अल्पर्द्धिकतर हैं, अप्पिड्डियतरा चेव, अप्पजुतियतरा चैव, अल्पर्धिकतराः चैव, अल्पद्युति- अल्प द्युतिकतर हैं, वैसे महर्द्धिकतर नहीं हैं, चेव, नो तहा महिड्डियतरा चेव, कतराः चैव, नो तथा महर्धिकतराः चैव, महाद्युतिकतर नहीं हैं। महज्जुतियतरा चेव।
महाद्युतिकतराः चैव। छट्ठीए णं तमाए पुढवीए एगे पंचूणे षष्ट्यां तमायां पृथिव्याम् एकं पञ्चोनं षष्ठी तमा पृथ्वी के पांच कम एक लाख-नौ निरयावाससयसहस्से पण्णत्ते। ते ण निरयावासशतसहसं प्रज्ञप्तम्। ते नरकाः सौ पिचानवें नरकावास प्रज्ञप्त हैं। वे नरक नरगा अहेसत्तमाए पुढवीए नरएहितो अधःसप्तम्याः पृथिव्याः नरकेभ्यः नो अधःसप्तमी पृथ्वी के नरक जैसे महत्तर नहीं नो तहा महत्तरा चेव, महा- तथा महत्तराः चैव, महाविस्तीर्णतराः हैं, महाविस्तीर्णतर नहीं हैं, महा वित्थिण्णतरा चेव, महोगासतरा चेव, चैव, महावकाशतराः चैव, महा- अवकाशतर नहीं हैं, महाप्रतिरिक्ततर नहीं महापइरिक्कतरा चेव, महप्पवेसणतरा प्रतिरिक्ततराः चैव, महाप्रवेशनतराः हैं, महाप्रवेशनतर हैं, आकीर्णतर हैं, चेव, आइण्णतरा चेव, आउलतरा । चैव, आकीर्णतराः चैव, आकुलतराः आकुलतर हैं, अनवमानतर हैं। चेव, अणोमाणतरा चेव।
चैव, अनवमानतराः चैव।
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