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श. १२ : उ. १० : सू. २२१
३. सिय अवत्तव्यं - आयाति य नोआयाति य
४. सिय आया य नोआया य ५. सिय आया य नोआयाओ य
६. सिय आयाओ य नोआया य ७. सिय आया य अवत्तव्यं - आयाति य नोआयाति य
८. सिय आया य अवत्तव्वाईआयाओ य नोआयाओ य
६. सिय आयाओ य अवत्तव्वंआयाति य नोआयाति य
१०. सिय नोआया य अवत्तव्वंआयाति य नोआयाति य
११. सिय नोआया य अवत्तव्वाईआयाओ य नोआयाओ य
१२. सिय नोआयाओ य अवत्तव्वंआयाति य नोआयाति य
१३. सिय आया य नोआया य अवत्तव्वं-- आयाति य नो आयाति य ॥
२२१. से केणद्वेणं भंते ! एवं बुच्चतिपएसिए खंधे सिय आया - एवं चैव उच्चारेयव्वं जाब सिय आया य नोआया य अवत्तव्वं - आयाति य आयाति य ?
गोयमा ! १. अप्पणो आदिट्ठे आया २. परस्स आदिट्ठे नोआया ३. तदुभयस्स आदिट्ठे अवत्तव्वं आयाति य नोआयाति य
४. देसे आदि सन्भावपज्जवे देसे आदि असन्भावपज्जवे तिपएसिए खंधे आया य नोआया
य
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३. स्यात् अवक्तव्यम् - आत्मा इति च नो आत्मा इति च
४. स्यात् आत्मा च नो आत्मा च ५. स्यात् आत्मा च नो आत्मानः च
६. स्यात् आत्मानः च नो आत्मा च ७. स्यात् आत्मा च अवक्तव्यम्आत्मा इति च नो आत्मा इति च
८. स्यात् आत्मा च अवक्तव्यानि - आत्मानः च नो आत्मानः च
६. स्यात् आत्मानः च अवक्तव्यम्आत्मा इति च नो आत्मा इति च
१०. स्यात् नो आत्मा च अवक्तव्यम्आत्मा इति च नो आत्मा इति च
११. स्यात् नो आत्मा च अवक्तव्यानि - आत्मानः च नो आत्मानः च
१२. स्यात् नो आत्मानः च अवक्तव्यम्आत्मा इति च नो आत्मा इति च
१३. स्यात् आत्मा च नो आत्मा च अवक्तव्यम् - आत्मा इति च नो आत्मा इति च ।
तत् केनार्थेन भदन्त ! एवमुच्यतेत्रिप्रदेशिकः स्कन्धः स्यात् आत्मा एवं चैव उच्चारयितव्यं यावत् स्यात् आत्मा च नो आत्मा च अवक्तव्यम् - आत्मा इति च नो आत्मा इति च ।
गौतम ! १. आत्मनः आदिष्टः आत्मा २. परस्य आदिष्टः नो आत्मा ३. तदुभयस्य आदिष्टः अवक्तव्यम्आत्मा इति च नो आत्मा इति च
४. देशः आदिष्टः सद्भावपर्यवः देशः आदिष्टः असद्भावपर्यवः त्रिप्रदेशिकः स्कन्धः आत्मा च नो आत्मा च
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भगवई
३. स्यात् अवक्तव्य है-आत्मा और नो आत्मा- दोनों को एक साथ कहना शक्य नहीं है।
४. स्यात् आत्मा है, स्यात् नो आत्मा है। ५. स्यात् आत्मा है, स्यात् नो आत्मा नहीं हैं।
६. स्यात् आत्मा हैं, स्यात् आत्मा है।
७. स्यात् आत्मा है और अवक्तव्य हैआत्मा और नो आत्मा दोनों को एक साथ कहना शक्य नहीं है।
८. स्यात् आत्मा है और अवक्तव्य हैंआत्मा हैं और नो आत्मा हैं- दोनों को एक साथ कहना शक्य नहीं है।
६. स्यात् आत्मा हैं और अवक्तव्य है- आत्मा और नो आत्मा दोनों को एक साथ कहना शक्य नहीं है।
१०. स्यात् नो आत्मा है और अवक्तव्य है- आत्मा और नो आत्मा- दोनों को एक साथ कहना शक्य नहीं है।
११. स्यात् नो आत्मा और अवक्तव्य हैं- आत्मा हैं और नो आत्मा हैं- इन दोनों को एक साथ कहना शक्य नहीं है। १२. स्यात् नो आत्मा हैं और अवक्तव्य है - आत्मा और नो आत्मा- दोनों को एक साथ कहना शक्य नहीं है। १३. स्यात् आत्मा, नो आत्मा और अवक्तव्य है- आत्मा और नो आत्मादोनों को एक साथ कहना शक्य नहीं है।
२२१. भंते! यह किस अपेक्षा से कहा जा रहा है- त्रिप्रदेशिक स्कंध स्यात् आत्मा है इस प्रकार उच्चारितव्य है यावत् स्यात् आत्मा, नो आत्मा और अवक्तव्य है- आत्मा और नो आत्मा- दोनों को एक साथ कहना शक्य नहीं है ?
गौतम ! १. स्वपर्याय की अपेक्षा आत्मा है। २. पर पर्याय की अपेक्षा आत्मा नहीं है ३. दोनों की अपेक्षा अवक्तव्य है- आत्मा और नो आत्मा- दोनों को एक साथ कहना शक्य नहीं है।
४. त्रिप्रदेशी स्कंध का देश सद्भाव पर्याय के रूप में आदिष्ट है, उसका देश असद्भाव पर्याय के रूप में आदिष्ट है इसलिए त्रिप्रदेशी स्कंध आत्मा भी है, नो आत्मा भी है।
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