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परिशिष्ट-३ : भाष्य-विषयानुक्रम
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भगवई
| श्रुतशील ८/४४९-४५० शरीर और वर्गणाएं ८/३६६ शरीर का स्वरूप और कार्य ८/३६६
संवर और अध्यवसानावरणीयकर्म ९/९-३२ शरीर निर्माण ८/३६७-३७२
सदृश बन्ध का नियम ८/३४५-३५३ शरीर प्रयोग बन्ध ८/३६६
साम्परायिक बंध ८/३०२-३१४ शरीर बन्ध ८/३६३-३६५
सास्वादन सम्यक्त्व ८/१०७-११० शाश्वत अशाश्वत में अनेकांत दृष्टि ९/२३०-२३४ सिद्ध और सिद्धगतिक ८/११४ श्रमण संप्रदाय ८/२३०-२३५
स्थावर जीव व लेश्या ११/१२ श्रमणोपासककृत दान का परिणाम ८/२४५-२४७
स्वतः ज्ञान परतः ज्ञान ९, १२३-१२४ श्रमणोपासक के प्रत्याख्यान विधि के विकल्प ८/२३६-२४० ।
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