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________________ (xviii) सूत्र पृष्ठ सूत्र पृष्ठ १७९-१८० कषाय की अपेक्षा आठवां उद्देशक वेद की अपेक्षा २९५-३०० प्रत्यनीक पद ११२-११४ १८२.१८३ आहारक की अपेक्षा ३०१ पांच व्यवहार पद ११४-११८ १८४-१९१ ज्ञान का विषय पद ५९-६८ ३०२ बंध पद १९२-१९९ ज्ञानी का संस्थिति पद ६९-७० ३०३-३०८ ऐर्यापथिक बंध पद ११९.१२१ २००-२०४ ज्ञानी का अंतर पद ७१-७२ ३०९-३१४ सांपरायिक बंध पद १२१-१२६ २०५-२०७ ज्ञानी का अल्प-बहुत्व पद ७२-७३ ३१५-३२८ कर्म प्रकृतियों में परीषह समवतार पद १२६-१३० २०८-२११ ज्ञानपर्यव पद ३२९-३३९ सूर्य पद १३०-१३३ २१२-२१४ ज्ञानपर्यवों का अल्प-बहुत्व पद ३४०-३४४ ज्योतिष्कों का उपपत्ति पद १३३ तीसरा उद्देशक नौवां उद्देशक २१६-२२१ वनस्पति पद ७६-७९ ३४५ बंध पद १३४ २२२-२२३ जीव प्रदेशों का अन्तर पद। ७९-८० ३४६-३५३ विस्रसा बंध पद १३४-१३७ २२४-२२७ चरम-अचरम पद ८० ३५४ प्रयोग बंध पद १३८ चौथा उद्देशक ३५५ आलापन की अपेक्षा ૨૨૮ क्रिया पद ३५६-३६२ आलीनकरण बंध की अपेक्षा १३९-१४१ पांचवां उद्देशक ३६३-३६५ शरीर की अपेक्षा १४१-१४२ २३०-२४४ आजीवक के संदर्भ में ८२-९२ ३६६ शरीर प्रयोग की अपेक्षा १४२-१४३ श्रमणोपासक पद ३६७-३८५ औदारिक शरीर प्रयोग की अपेक्षा १४३-१५० छट्ठा उद्देशक ३८६-४०४ वैक्रिय शरीर प्रयोग की अपेक्षा १५०-१५६ २४५-२४७ श्रमणोपासककृत दान का परिणाम ९३-९५ ४०५-४११ आहारक शरीर प्रयोग की अपेक्षा १५६-१५७ पद ४१२-४१८ तैजस शरीर प्रयोग की अपेक्षा १५७-१६० २४८-२५० उपनिमंत्रितपिण्डादि परिभोगविधि ९५-९६ ४१९-४३३ कर्म शरीर प्रयोग की अपेक्षा १६०-१६७ पद ४३४-४४८ प्रयोगबंध का देशबंध-सर्वबंध पद १६७-१७४ २५१-२५५ आलोचनाभिमुख का आराधक पद ९६-१०० दसवां उद्देशक २५६-२५७ ज्योति-ज्वलन पद १०० ४४९-४५० श्रुतशील पद १७५-१७६ २५८-२६९ क्रिया पद १०१-१०३ ४५१-४६६ आराधना पद १७७-१८१ सातवां उद्देशक ४६७-४६९ पुद्गल परिणाम पद १८१-१८२ २७१-२८४ अन्ययूथिक-संवाद पद १०४-१०८ ४७०-४७४ पुद्गलप्रदेश का द्रव्यादि भंग पद १८२-१८४ अदत्त की अपेक्षा ४७५-४७६ प्रदेश परिमाण पद १८४ २८५-२९० हिंसा की अपेक्षा १०८-१०९ ४७७-४८४ कर्मों का अविभाग परिच्छेद पद १८५-१८७ २९१-२९३ गम्यमान गत की अपेक्षा १०९.१११ ४८५-४९८ कर्मों का परस्पर नियम-भजना पद १८७-१९० ४९९-५०३ पुद्गली पुद्गल पद १९०-१९१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003595
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03 Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages600
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size15 MB
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