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________________ भगवई ४८९ आधारभूत ग्रन्थ-सूची ग्रन्थ का नाम संस्करण प्रकाशक भाष्य में प्रयुक्त स्थल लेखक/सम्पादक / अनुवादक वाचनाप्रमुख /प्रवाचक आदि ११५. संगीत विशारद ले. वसन्त सन् १६६१ संगीत कार्यालय, हाथरस (उ० प्र०) ५/६४ सन् १९८४ ११६. समवाओ (मूलपाठ, संस्कृत छाया, हिन्दी अनुवाद, टिप्पण आदि) वा. प्र. आचार्य तुलसी सं. विवेचक युवाचार्य महाप्रज्ञ जैन विश्व भारती, लाडनूं राजस्थान ४ आमुख; ५/६३, १२२, १६१-१८ ११७. सम्मति प्रकरण कर्ता- सिद्धसेन दिवाकर सं. दलसुखभाई मालवणिया ज्ञानोदय ट्रस्ट, अनेकान्त बिहार, ३ आमुख; ५/१६१-१६८ श्रेयान्स कालोनी के पास, अहमदाबाद ११८. सर्वदर्शनसंग्रह सन् १६२४ ले. सायन माधवाचार्य, टीका. महामोहोपाध्याय प्राच्य विद्याशास्त्री अभयंकर संशोधन मंदिर, पूना (महाराष्ट्र) ७ आमुख ११६. सर्वार्थसिद्धि भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली ३/८४७/१०-१५, २६-३५ कर्ता-आ. पूज्यपाद; सं. पं. फूलचन्द्र १६७१ सिद्धान्त शास्त्री १२०. सांख्यकारिका चौखम्बा संस्कृत सिरीज, वाराणसी ७/१६-१६ कर्ता-ईश्वरकृष्ण, टीका. माध्वाचार्य १२१, साप्ताहिक हिन्दुस्तान ६ सितम्बर १६७६ दिल्ली ६ आमुख १२२. सुवर्णभूमि में कालकाचार्य ४ आमुख १२३. सुश्रुत-संहिता अनु. अत्रिदेव सन् १६७५ मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली ५/७६, ७७ १२४. सुत्रकृताङ्ग नियुक्ति कर्ता-भद्रबाहु देखें सूत्रकृताङ्ग वृत्ति ७/२६-३५ १२५. सूत्रकृताङ्ग वृत्ति कर्ता-श्री शीलांकाचार्य प्रथम-सन् १६५० श्रीगोडी जी पार्श्वनाथ- जैन द्वितीय-सन् १६५३ देरासर पेढी, बम्बई ३/१६४-१७१; ७/२६-३५ १२६. सूयगडो (मूलपाठ, संस्कृत छाया, हिन्दी अनुवाद, टिप्पण तथा परिशिष्ट) वा. प्र. आचार्य तुलसी सं. विवेचक युवाचार्य महाप्रज्ञ भाग १ सन् १९८४ जैन विश्व भारती, लाडनूं, भाग २ सन् १९८६ राजस्थान ५/२५४-२५७; ७/१०-१५,२५ सन् १६८९ ७/६२ १२७. सूरपण्णत्ती (उवंगसुत्ताणि, भाग ४, खण्ड २) वा. प्र. आचार्य तुलसी सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ जैन विश्व भारती, लाडनूं, राजस्थान १२८. स्थानाङ्ग वृत्ति कर्ता-अभयदेवसूरि सन् १६३७ सेठ माणेकलाल चुन्नीलाल, अहमदाबाद ३/४६, २५३; ६/१६८, १६६; ७/१०-१५ १२६. स्याद्वादमंजरी सन् १९६२ श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास ५आमुख कर्ता-मल्लिषेण अनु. सं. डॉ० जगदीशचन्द्र जैन सं.स्वात्माराम योगीन्द्र गुजरात १३०. हठयोगप्रदीपिका ३/२०५ सन् १९८८ खेमराज श्रीकृष्ण दास अध्यक्ष, श्री वेन्कटेश्वर प्रेस, बम्बई वि. सं. २००७ छगनीराम अमरचन्द्र शिरोलिया, १३१. हेमशब्दानुशासनम् कर्ता-आचार्य हेमचन्द्र ३/१४३-१४६ Jain Education Interational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003594
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02 Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size20 MB
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