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________________ आधारभूत ग्रन्थ-सूची ४८८ भगवई ग्रन्थ का नाम संस्करण प्रकाशक लेखक / सम्पादक / अनुवादक वाचनाप्रमुख/प्रवाचक आदि भाष्य में प्रयुक्त स्थल ६८.योगदीपिका ले. वी. के. एस. आयंगर सन् १६८८ ओरियन्ट लाँग्मैन, हैदराबाद ३/२०७ ६६. योगवाशिष्ठ ३/१५४-१६३ १००. रत्नकरण्ड श्रावकाचार कर्ता-स्वामी समन्तभद्र ७/२६-३५ १०१. राजप्रश्नीय वृत्ति कर्ता-मलयगिरि वि. सं. १६८२ माणिकचन्द्र दि० जैन ग्रन्थमाला समिति, बम्बई वि. सं. १६६४ शंभुलाल जगशीशाह, गुर्जर ग्रन्थ- रत्न कार्यालय, अहमदाबाद सन् १९८७ जैन विश्व भारती, लाडनूं, राजस्थान ३/२६, ७३; ५/६४ ३/२७,७८, ११२,५/७६,७७ १०२. रायपसेणइयं (उवंगसुत्ताणि भाग ४, खण्ड १) वा. प्र. आचार्य तुलसी सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ १०३. लीलावती भास्कराचार्य विरचित ३/३५,२६ सन् १६३७ __ आनन्दाश्रम मुद्रणालय, पुणे (महाराष्ट्र) वि. सं. १६६० श्री जैन ग्रन्थ प्रकाशक सभा, अहमदाबाद रचयिता-विनय विजय गणि ६/१३२ १०४. लोकप्रकाश (तीन खण्ड) सन् १९८७ १०५. ववहारो (नवसत्ताणि, भाग ५) वा. प्र. आचार्य तुलसी सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ ३/१४६, १५०,५/१४७ जैन विश्व भारती, लाडनूं, राजस्थान १०६. वसुनन्दि श्रावकाचार ७/२६-३५ आचार्य वसुनन्दि, सं. पं. हीरालाल जैन सिद्धान्त शास्त्री वि. सं. २००६ भारतीय ज्ञान पीठ काशी, दुर्गाकुण्ड रोड, बनारस-४ सन् १६७४ ३/३० १०७. विवाग सुयं (अंगसुत्ताणि, भाग ३) वा. प्र. आचार्य तुलसी सं. मुनि नथमल जैन विश्व भारती, लाडनूं, राजस्थान १०८. विशेषावश्यक भाष्य ५/५६-६१ कर्ता-श्री जिन भद्रगणि क्षमाश्रमण वि. सं. २४८६ दिव्य दर्शन कार्यालय, कालुशा नी पोल, कालुपुर रोड, अहमदाबाद १०६. विश्वप्रहेलिका ले. मुनि महेन्द्र कुमार सन् १६६९ ६/१३३, १३४ जवेरी प्रकाशन, माटुंगा, बम्बई, (प्राप्तिस्थान-जैन विश्व भारती, लाडनूं) ११०. वैशेषिक सूत्र ५ आमुख, १६१-१९८ सं. मुनि माणेक सन् १६२८ वकील त्रिकमलाल अगरचन्द्र ५/१३६-१४६ १११. व्यवहार सूत्र (भाष्य एवं मलयगिरि विरचित वृत्ति-सहित) ११२. शाईधर संहिता शार्ङ्गधराचार्य विरचित सन् १६८४ श्री बैद्यनाथ आयुर्वेद भवन लिमिटेड ७/६२, ११६ ११३. शालिग्रामं निघण्टुभूषणम् शालिग्राम वैश्वकर्म विरचित प्रथम संस्करण सन् १९८१ खेमराज श्री कृष्णदास, बम्बई ६/१२६-१३१ सन् १६४२ ११४. षटखण्डागम धवला टीका-सहित कर्ता-पुष्पदन्त भूतबलि, वीरसेनाचार्य कृत धवला टीका सहित, सं० हीरालाल जैन सेठ शीतलराय लक्ष्मीचन्द्र अमरावती (महाराष्ट्र) ३/१४०-१४२, १६४-१७१; ५/१००-१०२, १०३-१०६, १०८, १०६, १६६-१७१ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003594
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02 Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size20 MB
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