________________
भाष्य-विषयानुक्रम
४२४
भगवई
निप्फाव ६/१२६-१३१ निधान ३/२६८ निधि ३/२६८ नियोग ७/११६ निरञ्जन ७/१०-१५ निरन्तर तेज आघात (परंपराघाएणं) ६/१-४ निरुपक्लिष्ट ६/१३२ निर्जर ५/१८२-१९० निर्देश ३/५१ निवण्ण ३/३६ निश्रा के तीन कारक ३/६५ निस्संगता ७/१०-१५ निस्सेसकामए ३/७३ नैरयिक आदि के आवास व मारणान्तिक समुद्घात ६/१२०-१२८ नैरयिक जीवों की विक्रिया ५/१३८ नैश्रेयसिक ३/७३
पच्चोवयमाण ५/१३४,१३५ पच्छियापिडअ ७/१५८-१५६ प्रभु ७/१५०-१५४ पञ्चास्तिकाय ७/२१२-२१७ पटह (पडह) ५/६४ पठार (भट्टी) ७/११७ पणव (पणव) ५/६४ पणामा प्रव्रज्या ३/३४ पतद् उदय ३/१६४-१७१ पत्तण (पत्रण) ५/१३४,१३५ पथ्य ३/७३ पद्मगंध (पम्हगंधा)..... शनैश्चारी (सणिंचारी) ६/१३५ पन्द्रह परमाधार्मिक ३/२५६ परमाणु व स्कन्ध का अन्तरकाल ५/१७५-१८० परमाणु व स्कन्ध का छेदन आदि ५/१५४-१५६ परमाणु व स्कन्ध का द्रव्यादेश आदि ५/२०१-२०७ परमाणु व स्कन्ध का पस्पर अल्पबहुत्व ५/१८१ परमाणु व स्कन्ध का सार्द्ध आदि ५/१६०-१६४ परमाणु व स्कन्ध की पस्पर स्पर्शना ५/१६५-१६८ परमाणु व स्कन्ध की संस्थिति ५/१६६-१७४ परमाणु व स्कन्ध में एजन आदि ५/१५०-१५३ पराकाष्ठा पर होगा ७/११७ परामुसइ ५/१३४,१३५ परिखा ५/१८२-१६० परिणामवाद-तद्प/तन्मय पर्यायवाद का निरूपण ५/५१-५४ परिजन ३/३३
परिजानाति ३/३३ परितावण ३/१४३-१४८ परिभाजयन ३/३३ परियारेमाणा ३/६० परीत ५/२५४-२५७ परीत-संसारी ३/७२ पर्यंकासन ३/१६४-२०८ पर्वग ७/११७ पलिमंथग ६/१२६-१३१ पल्य (पल्ल)६/१२६-१३१ पल्वल ५/१८२-१६० पाण ३/३४ पायदद्दरगं (पैरों से भूमि पर प्रहार करता है)३/११२ पारगत ५/६५-६७ पापित्यीय स्थविर ५/२५४-२५७ पाषण्डस्थ ३/३६ पिट्टावण (पीटना) ३/१४३-१४८ पिण्डहरिद्रा ७/६६ पिहित ६/१२६-१३१ पुद्गलों का आहरण कहां से ६/१८६ पुरुषादानीय ५/२५४-२५७ पुलग (पुलक) ३/४ पुष्करणी ५/१८२-१६० पूर्व जन्म का मित्र (पुव्वसंगतिए) ७/१६१ पृथक्त्व सूत्रों ५/६८-७१ पृथ्वी आदि में गेहा आदि ६/१३७-१५० पौरपत्य ३/४ प्रकाम-निकरण ७/१५०-१५४ प्रकृष्ट अवस्था (उत्तिमट्ठपत्त) ६/१३५ प्रणीत ५/१००-१०२ प्रतिचन्द्र ३/२५३ प्रतिमा-प्रतिपत्रक ६/१५,१६ प्रतिसंवेदयति ५/१४८ प्रतिसूर्य ३/२५३ प्रत्याख्यान ६/६४-६८ प्रत्याख्यात ७/११ प्रपा ५/१८२-१६० प्रभूत ७/१०-१५ प्रमत्त संयम, अप्रमत्त संयम ३/१४६-१५० प्रवाल ७/११७ प्रशस्त निर्जरा का श्रेष्ठत्व ६/१-४ प्रहीणसेतुक ३/२६८ प्रहीणगोत्रागार (पहीणगोत्तागार) ३/२६८ प्राकार ५/१८२-१६०
Jain Education Intemational
For Private & Personal use only
www.jainelibrary.org