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परिशिष्ट २ भाष्य-विषयानुक्रम
अंक ३/४ अंजण ३/४ अंजणपुलक ३/४ अंतक्रिया ३/१४३-१४८ अंतकर ५/७६.८२ अंतकर, अन्तिम शरीरी ५/६४-६६ अंतिमसरीरिय ५/७६-८२ अंधकारमय (निरालोक) ७/११७ अकर्म ७/१०-१५
- की गति ७/१०-१५ अकाम-निकरण ७/१५०-१५४ अकिट्ठ ३/१२६ अक्खसोयपमाणमेतं ७/१२० अगड ५/१८२-१० अगिला ५/७८-८२ अग्नि की दो अवस्थाओं का सापेक्ष प्रतिपादन ५/१३३ अग्रमहिषी (अग्गमहिसी) ३/२२ अग्लान भाव ५/१४७ अच्चासायित्तए ३/११२ अच्छ ३/२०९-२२० अच्छरानिवाएहिं ६/१७१-१७३ अट्टालक ५/१८२-१९० अणवदग्ग ५/२५४-२५७ अणिच्चजागरिया ३/३६ अतिचरण ७/६,७ अतिपात ७/६,७ अतिमुक्तक का जीवन-वृत्त ५/७८-८२ अनगार ३/२२२-२३०,२३१-२३६ अनन्तर ५/३-१२ अनवकल्प६/१३२ अनादेय वचन ७/११६ अनार्य ३/२५३ अनाहूत ७/२५ अनुत्तरोपपातिक देव, उपशान्त मोह ५/१०७
अनेषणीय ५/१२४-१२७ अन्यथाभाव ३/२२२-२३० अपत्थियपत्थए ३/१०६ अपने वीर्य ५/११०,१११ अपरिभुक्त (अहय) ६/२०-२३ अपवाद ३/२६३ अप्राशुक ५/१२४-१२७ अप्फोडइ ३/११२ अबीज ६/१२९-१३१ अभिसमन्वागत ५/११२,११३ अभिसमागच्छति ५/१४८ अभ्याख्यान ५/१४८ अभ्याख्याति ५/१४८ अभ्याख्यानी के कर्म-बन्ध ५/१४८ अभ्र ३/२५३ अभ्रवृक्ष ३/२५३ अमनस्क-समनस्क जीवों की वेदना ७/१५०-१५४ अमुय ३/२५३ अमोघा ३/२५३ अयकवल्ल ३/१४३-१४८ अर (समा) ७/११७ अरयंबरवत्थधरं ३/१०६ अलंघ्य (खिलीभूताई) ६/१-४ अलीक ५/१४८ अलोभनीय रूप में (अभिज्झियत्ताए) ६/२०-२३ अल्प आयुष्य और दीर्घ आयुष्य का बन्ध ५/१२४-१२७ अल्प आहार ७/२ अल्पोत्सुक ३/१०६ अवलिप्त ६/१२६-१३१ अविशुद्ध लेश्या आदि देव का ज्ञान-दर्शन ६/१६८,१६६ अव्यथाभाव ३/२२२-२३० अष्टममक्त ३/१०५ असंयत ७/५४-५७ असंवृत अनगार द्वारा विक्रिया ७/१६७-१७२ असद्भूत ५/१४८
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