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विषयानुक्रम
तीसरा शतक
६४-६५ ६५-६९ ७०-७१
७२-७५ ७५-७७ ७७-७९ ७९-८० ८१-८३
७९-९६
असुर कुमार
८३-८६ ८६-८८
पृष्ठ सूत्र आमुख
३-४ १४०-१४२ क्रिया-वेदना-पद प्रथम उद्देशक
१४३-१४८ अन्तक्रिया-पद संग्रहणी गाथा
१४९-१५१ प्रमत्त-अप्रमत्त-काल-पद ०१-०३ उत्क्षेप-पद
१५२,१५३ लवणसमुद्र-वृद्धि-हानि-पद ०४-२५ देव-विक्रिया-पद
०५-१८ चौथा उद्देशक २६-५३ तामलि का ईशानेन्द्र-पद १८-३२ १५४-१६३ भावितात्मा-पद ५४-७१ शक्रेशान-पद
३२-३५
१६४-१७१ वायुकाय-पद ७२-७६ सनत्कुमार-पद
३५-३७
१७२-१८२ बलाहक-पद दूसरा उद्देशक
१८३-१८५ किलेश्योपपाद-पद ७७-७८ चमर का भगवान को वन्दन-पद ३८
१८६-१९३ भावितात्मा-विक्रिया-पद असुर कुमार वर्णक-पद
३८-४३ पांचवा उद्देशक ९७-९८ चमर का ऊर्ध्व-उत्पात-पद ४३ १९४-२०८ भावितात्मा विकुर्वणा-पद ९९-१०१ चमर का पूर्व भव में पूरण गृहपति ४३-४४
२०९-२२१ भावितात्मा-अभियोजना-पद का पद १०२-१०३ पूरण की दानामा प्रव्रज्या का पद ।
छठा-उद्देशक
४४-४५ १०४ पूरण का प्रायोपगमन-पद ४५
२२२-२४६ भावितात्मा-विक्रिया-पद १०५ भगवान की एकरात्रिकी महाप्रतिमा ४६-४७ सातवां उद्देशक का पद
२४७-२४९ लोकपाल-पद १०६-१०८ पूरण का चमरत्व-पद
४७-४८ २५०-२५५ सोम-पद १०९-१११ चमर का कोप-पद
४८-५०
२५६-२६० यम-पद ११२ चमर का भगवान की निश्रापूर्वक ५०-५३ ।
२६१-२६५ वरुण-पद शक्र की आशातना का पद
२६६-२७१ वैश्रवण-पद ११३ शक्रेन्द्र द्वारा वज्र-प्रक्षेप-पद ५३-५४ ११४ चमर द्वारा भगवान की शरण का पद ५४-५५
आठवां उद्देशक ११५-११६ शक्र का वज्र-प्रतिसंहरण-पद ५५-५६
२७२-२७८ ११७-१२६ शक्र, चमर और वज्र का गति- ५६-५९ नवां उद्देशक
विषयक-पद १२७-१३२ चमर की चिन्ता का पद
५९-६१ तीसरा उद्देशक
दसवां उद्देशक १३३-१३९ क्रिया-पद
२८०-२८१
८९-९५
९७-१०० १००-१०३ १०३-१०५ १०५-१०७
नाप-पद
१०८-११०
२७९
१११
६२-६४ ।
११२
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