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________________ दसमो उद्देसो : दसवां उद्देशक मूल सस्कृत छाया हिन्दी अनुवाद से नणं भंते! कण्हलेस्सा नीललेस्सं पप्प तन्नूनं भदन्त! कृष्णलेश्या नीललेश्यां प्राप्य ८. भंते! क्या कृष्णलेश्या नीललेश्या के योग्य पुद्गलों तारूवत्ताए, तावण्णत्ताए, तागंधत्ताए, तद्रूपतया तद्वर्णतया तद्गन्धतया तद्रसतया को प्राप्त कर उसके रूप, वर्ण, गन्ध, रस और स्पर्श में तारसत्ताए, ताफासत्ताए भुजो-भुजो ततस्पर्शतया भूयोभूयः परिणमति? बार-बार परिणत होती है? परिणमति? हंता गोयमा! कण्हलेसा नीललेसं पप्प हन्त गौतम! कृष्णलेश्या नीललेश्यां प्राप्य हां गौतम! कृष्णलेश्या के योग्य पुद्गलों को प्राप्त कर तारूवत्ताए, तागंधत्ताए, तारसत्ताए, तद्रूपतया, तद्वर्णतया, तद्गन्धतया, तद्रस- उसके रूप, वर्ण, गन्ध, रस और स्पर्श में बार-बार ताफासत्ताए भुजो-भुजो परिणमति। एवं __तया, तत्स्पर्शतया भूयोभूयः परिणमति। परिणत होती है। इस प्रकार पण्णवणा के लेश्या-पद का चउत्थो उद्देसओ पण्णवणाए चेवलेस्सापदे एवं चतुर्थः उद्देशकः प्रज्ञापनायाश्चैव चौथा टेक ज्ञातव्य है। नेयम्वो जाव लेश्यापदे नेतव्यः, यावत् संगहणी गाहा परिणाम-वण्ण-रस-गंध-सुद्ध-अपसत्थसंकि- लिगुण्हा। गइ-परिणाम-पएसोगाह-वग्गणाठाणमप्पब- हुँ।।१।। संग्रहणी गाथा संग्रहणी गाथा परिणाम-वर्ण-रस-गंध-शुद्धाप्रशस्तसं- परिणाम, वर्ण, रस, गन्ध, शुद्ध, अप्रशस्त, संक्लिष्ट, क्लिष्टोष्णाः। उष्ण, गति, परिणाम, प्रदेश, अवगाहना, वर्गणा, स्थान गति-परिणाम-प्रदेशावगाहवर्गणास्थाना- और अल्पबहत्व। ल्पबहुत्वम् ।। भाष्य १. सूत्र ८ भावधारा में परिवर्तन होता रहता है। उसके अनुसार लेश्या और आभामण्डल में भी परिवर्तन होता है। जैसे सफेद वस्त्र रंग का योग पाकर नील, रक्त या पीत बन जाता है, वैसे ही कृष्ण लेश्या नील आदि लेश्या के पुद्गलवर्गणा का योग पाकर नील, कापोत आदि लेश्याओं में परिणत हो जाती है। ९. सेवं भंते! सेवं भंते! ति।। तदेवं भदन्त ! तदेवं भदन्त ! इति। ९. भंते ! वह ऐसा ही है, भंते ! वह ऐसा ही है। Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003594
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02 Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size20 MB
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