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नवमो उद्देसो : नवां उद्देशक
मूल
संस्कृत छाया
हिन्दी अनुवाद
७. नेरइए णं भंते! नेरइएसु उववज्जइ? अनेरइए नैरयिक: भदन्त! नैरयिकेषु उपपद्यते? अनै- नेरइएसु उववजह?
रयिक: नैरयिकेषु उपपद्यते? पण्णवणाए लेस्सापए तइओ उद्देसओ प्रज्ञापनाया: लेश्यापदे तृतीय: उद्देशकः भाणियव्वो जाव नाणाई॥
भणितव्य: यावज् ज्ञानानि।
७. भंते! क्या नैरयिक नैरयिकों में उपपन्न होता है अथवा अनैरयिक नैरयिकों में उपपन्न होता है? यहां पण्णवणा के लेश्या-पद का तीसरा उद्देशक ज्ञान के प्रकरण तक वक्तव्य है।
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