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________________ समवानो ३६५ प्रकोणक समवाय : टिप्पण ६६-६८ ६६. सू० २३० (३): प्रस्तुत सूत्र में शरीर-प्रमाण सुवर्णवृष्टि का उल्लेख है। किन्तु उसकी संख्या उल्लिखित नहीं है। आवश्यक नियुक्ति और हरिवंश पुराण' में उल्लेख है कि तीर्थंकरों ने जहां प्रथम भिक्षा प्राप्त की थी वहां उत्कृष्टतः साढे बारह करोड़ तथा जघन्यतः साढे बारह लाख स्वर्णमुद्राओं की वर्षा हुई थी। ६७. चैत्य-वृक्ष (चेइयरुक्खा) सूत्र २३१ : देखें-उत्तराध्ययन ६/६ का टिप्पण। ६८. सू० २३१ : प्रस्तुत सूत्र में चौबीस तीर्थंकरों के चौबीस चैत्य-वृक्ष बताए गए हैं। उनकी पहचान इस प्रकार है१. न्यग्रोध-बरगद, शमी-विजयादशमी को पूजा जाने वाला वृक्ष विशेष । २. सप्तपर्ण-छतिवन वृक्ष । ३. शाल-साखू वृक्ष । ४. प्रियाल-पियाल, चिरौंजी का वृक्ष । ५. प्रियंगु-मालकंगुनी। ६. छत्राक-कुकुरमुत्ता, जल-बबूला। ७. शिरीष-शीशम जैसा अति मृदु पुष्प वाला वृक्ष । ८. नागवृक्ष-नागलता, नागकेसर। इसके स्थान पर 'नागरुक' शब्द का भी प्रयोग होता है। उसका अर्थ है नारंगी का वृक्ष । ६. माली-वृक्ष-विशेष । आप्टे की डिक्शनरी में मालक का अर्थ निम्ब वृक्ष किया है। १०. प्लक्ष–पाकर का वृक्ष । ११. तिदुक-तेंदु । वह वृक्ष जिसकी पक्की लकड़ी आबनूस कहलाती है। १२. पाटल-पाढर का वृक्ष । १३. जंबु-जामुन का वृक्ष । १४. अश्वत्थ-पीपल का वृक्ष । १५. दधिपर्ण १६. नंदि-तुन (तून) का पेड़ जिसके फूलों से पीला रंग बनता है। १७. तिलक-तिल का पौधा । १८. आम्र-आम्र वृक्ष । १६. अशोक—वह वृक्ष जिसके पत्ते आम्रवृक्ष की तरह लंबे-लंबे और किनारे पर लहरदार होते हैं। २०. चंपक-चंपक का वृक्ष । २१. बकुल-मौलसिरी का वृक्ष । २२. वेतस-बैंत का पौधा । २३. धातकी-धव वृक्ष । २४. शाल-साखू वृक्ष । १. अावश्यकनियुक्ति गाथा, ३३२, प्रवचूर्णी प्रथम विभाग, पृष्ठ २२७ : प्रद्धतेरसकोडी, अक्कोसा तत्य होइ वसुहारा । अद्धतेरस लक्खा, जहणिमा होइ वसुहारा ॥ २. हरिवंशपुराण, ६०/२५० : पर्धत्रयोदशोत्कर्षाद्वसुधारासु कोटयः । तावत्येव सहस्राणि दशघ्नानि जघन्यतः ।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003591
Book TitleAgam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Samvao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1984
Total Pages470
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_samvayang
File Size23 MB
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