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समवानो
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समवाय ४२ : सू०६-१० ६. नामे णं कम्मे बायालोसविहे नाम कर्म द्विचत्वारिंशद् वियं प्राप्तम्, ६. नाम कर्म के बयालीस प्रकार हैं, जैसे
पण्णत्ते, तं जहा -गइनामे जाति. तद्यथा-गतिनाम जाति नाम शरीर- गतिनाम, जातिनाम, शरीरनाम, नामे सरोरनामे सरोरंगोवंगनाने नाम शरोराङ्गोपाङ्गनाम शरीर- शरीरांगोपांगनाम, शरीरबंधननाम, सरीरबंधणनामे सरीरसंवायणनामे बन्धननाम शरीरसंघातननाम शरीरसंघातननाम, संहनननाम, संघयणनामे संठाणनामे वगनामे संहनननाम संस्थाननाम वर्णनाम संस्थाननाम, वर्णनाम, गंधनाम, गंधनामे रसना फासनामे गन्धनाम रसनाम स्पर्शनाम रसनाम, स्पर्शनाम, अगुरुलघुनाम अगरुयलहुयनामे उपवायनामे अगुरुकलघुकनाम उपधातनाम उपघातनाम, पराघातनाम, आनुपूर्वीपराघायनामे आणुपुब्योनामे पराघातनाम आनुपूर्वोनाम उच्छ्वास- नाम, उच्छवासनाम, आतपनाम, उस्सासनामे आतवनामे उज्जोय- नाम आतपनाम उद्योतनाम उद्योतनाम, विहगगतिनाम, त्रसनाम, नामे विहगगइनामे तसनामे विहागतिनाम वसनाम स्थावरनाम स्थावरनाम, सूक्ष्मनाम, बादरनाम, थावरनामे सुहुमनामे बायरनामे सूचनाम बादरनाम पर्याप्त नाम पर्याप्तनाम, अपर्याप्तनाम, साधारणपज्जतनामे अपज्जतनाम अपर्याप्तनामसाधारणशरीरनाम शरीरनाम, प्रत्येकशरीरनाम, स्थिरसाधारणसरोरनाने पतेयसरोर- प्रत्येकशरोरनाम स्थिरनाम अस्थिर- नाम, अस्थिरनाम, शुभनाम, अशुभनाम, नामे थिरनामे अथिरनामे सुमनाने नाम शुभनाम अशुभनाम सुभगन म सुभगनाम. दुर्भगनाम, सुस्वरनाम, असुभनामे सुभगनामे दूभगनामे दुभंगनाम सुस्वरनाम दुःस्वरनाम दुःस्वरनाम, आदेयनाम, अनादेयनाम, सुस्तरनामे दुस्स रनामे आएग्ज- आदेपनाम अनादेयनाम यशःकोतिनाम यशकीर्तिनाम, अयशःकीर्तिनाम, नामे अणाएज्जनामे जसोकित्तिनामे अयशःकोतिनाम निर्माणनाम निर्माणनाम और तीर्थङ्करनाम । अजसोकित्तिनामे निम्माणनामे तीर्थकरनाम । तित्थकरनामे। ७. लवणे णं समुद्दे बायालोसं नाग- लव समुदे द्विचत्वारिंशद् नाग- ७. बयालीस हजार नाग लवणसमुद्र की साहस्सोओ अमितरियं वेतं साहयः आन्धतरिकों वेलां आभ्यन्तर वेला को धारण करते हैं। धारेति।
धारयन्ति ।
८. महालियाए गं विमाणपविभताए महत्यां विमानप्रविभक्तो द्वितीये वर्गे ८. महतीविमानप्रविभक्ति के दूसरे वर्ग में बितिए वणे बापालासं उद्देस ग- द्विचत्वारिंशद् उद्देशनकालाः प्रज्ञप्ताः। बयालीस उद्देशन-काल हैं।
काला पण्णत्ता। ६. एगमेगाए ओसप्पिगोए पंचम- एकैकस्यां अवपिण्यां पञ्चमषष्ठ्यौ ६. प्रत्येक अवपिणी के पांचवें (दुःषमा)
छद्रोओ समाओ बाबालोतं समे द्विवत्वारिंशद वर्षसहस्राणि कालेन और छठे (एकान्त दुःषमा)-इन दो वाससहस्साई कालेणं पण्णताओ। प्रज्ञप्ते ।
आरों का कालमान बयालीस हजार
वर्ष का है। १०. एगमेगाए उस्सप्पिगोए पडम- एकैकस्यां उत्सपिण्यां प्रयमद्वितोये समे १०. प्रत्येक उत्सपिणी के पहले (एकान्त
बीयाओ समाओ बायालोसं द्विचत्वारिंशद् वर्षसहस्राणि कालेन दुःषमा) और दूसरे (दुःषमा)-इन वाससहस्साइं कालेणं पण्णत्ताओ। प्रज्ञप्ते ।
दो आरों का कालमान बयालीस हजार वर्ष का है।
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