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पुफियाओ
थणपाएहिं", अप्पेगइएहिं पोहगपाएहि', अप्पे गइएहिं परंगण एहिं', अप्पेगइएहिं परक्कममाणेहि, अप्पेगइएहि पक्खोलण एहि, अप्पेगइएहिं थणं मम्गमाहिं, अप्पेगइएहिं खीरं मग्गमाणेहि, अप्पेगइएहिं तेल्लं मग्गमाणेहि, अप्पेगइएहि खेल्लणयं मग्गमाणेहि, अप्पेगइएहिं खज्जगं मग्गमाणेहि, अप्पेगइएहिं कुरं मग्गमाणेहि, अप्पेगइएहिं पाणियं मग्गमाणेहि, अप्पेगइएहिं हसमाणेहि, अप्पेगइएहिं रूसमाणेहि, अप्पेगइएहिं अक्कोसमाणेहिं', अप्पेगइएहि अक्कुस्समाणेहिं, अप्पेगइएहिं हणमाणेहि, अप्पेगइएहिं हम्ममाणेहिं, अप्पेगइएहिं विप्पलायमाणेहिं, अप्पेगइएहि अणुगम्ममाणेहि, अप्पेगइएहिं रोयमाणेहि, अप्पेगइएहि कंदमाणेहिं, अप्पेगइएहिं विलवमाणेहिं, अप्पेगइएहिं कूवमाणेहिं, अप्पेगइएहि उक्कूवमाणेहि", अप्पेगइएहिं निदायमाहिं, अप्पेगइएहिं पलवमाणेहि', अप्पेगइएहिं हदमाणेहि, अप्पेगइएहि वममाणेहि, अप्पेगइएहि छेरमाणेहि, अप्पेगइएहि मुत्तमाणे हिं मुत्त-पुरीस-वमिय-सुलित्तोवलित्ता मइलवसणपोच्चडा असुइबीभच्छा" परमदुग्गंधा नो संचाएहिइ" रटकूडेणं सद्धि विउलाइं भोगभोगाई भुंजमाणी विहरित्तए ॥
१३१. तए णं तीसे सोमाए माहणीए अण्णया कयाइ पुन्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुबजागरियं जागरमाणीए अयमेयारूवे अज्झथिए चितिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था –एवं खलु अहं इमेहि बहूहिं दारगेहि य जाव" डिभियाहि य अप्पेगइएहिं
१. अप्पेगइएहि य थणपाएहि (क); अप्पेगइ. ६. अकोस (क,ग); आकोस० (ख)। एहिं थणियपाएहि (ख,ग)!
७. उक्कूवमाणेहि निज्जायमाणेहिं (ख)। २. पीयगयाएहिं (क)।
८. पवलमाणे हिं (क) । ३. परंगणेहिं (वृ)।
६. पुच्चडा (ख,ग)। ४. पचंकमणेहिं (क)।
१०. वीसका (क)। ५. खज्जगे (ख)।
११. संचाएति (क)। १२. अतः पूर्वं 'बहपुत्तिया' भाविजन्मवर्णने सर्वत्र भविष्यक्रियापदप्रयोगो दृश्यते, किन्तु अत्र अत: परं
च सर्वत्रापि वर्तमानक्रियापदप्रयोगो लभ्यते । एतत् परिवर्तनं निश्चितं कयाचित विस्मत्या जातमस्ति । अर्थप्रसङ्गानुसारेण उत्तरवर्तीनि क्रियापदानि यन्त्रे द्रष्टव्यानिसू० १३१ समुप्पज्जित्था
समुप्पज्जिहिइ , १३२ उवागच्छंति विहरंति
उवागच्छिहिति विहरिस्संति , १३३ अणुपविट्ठे
अणुपविस्सिहिद ,, १३४ पासइ अब्भुलैइ अणु गच्छइ वंदइ पासिहिइ अब्भुठेहिइ अणुगच्छिहिइ वंदिस्सइ नमसइ पडिलाभेइ क्यासी
नमंसिस्सइ पडिलाभेहिइ वइस्सइ ॥ १३५ परिकहेंति
परिकहेहिति ॥ १३६ वंदइ नमसइ बयासी पव्वयामि बंदिस्सइ नमंसिस्सइ वइस्सइ पव्वइस्सामि , १३७ वंदइ नमसइ पडिविसज्जेइ व दिस्सइ नमंसिस्सइ पडिविसज्जिहिइ ॥ १३८ वयासी
वइस्सइ " १३६ वयासी
वइस्सइ ।। १४० पडिसुणेइ
पडिसुणिस्सइ
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