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तइयं अज्झयण
विउलेणं असण'- पाण-खाइम - साइमेणं धूव - पुप्फ-वत्थ-गंध-मल्लालंकारेण य सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता, तस्सेव मित्त-नाइ नियग-सयण-संबंधि-परियणस्स पुरओ जेदुपुत्तं कुडुंबे ठावेत्ता, तं मित्त-नाइ-नियग-सयण-संबंधि-परियणं [ जेट्टपुत्तं च ? ] आपुच्छित्ता, सुबहं लोहाच्छु' तंबियं तावसभंडगं गहाय जे इमे गंगाकूला वाणपत्था तावसा भवंति, तं जहा होत्तिया 'पोत्तिया कोत्तिया" जण्णई सड्ढई थालई हुंबउट्टा' दंतुक्खलिया' उम् मज्जगा संमज्जगा निमज्जगा संपक्खालगा दक्खिणकूला उत्तरला संखधमा कुलधमा मियलुद्धा हत्थितावसा उद्दंडगा दिसापोक्खिणो वक्कवासिणो बिलवासिणो जलवासिणो रुक्मूलिया अंबुभक्खिणो वाउभक्खिणो सेवालभक्खिणो मूलाहारा कंदाहारा तयाहारा पत्ताहारा पुप्फाहारा फलाहारा बीयाहारा परिसडिय कंद-मूल-तय- पत्त- पुप्फ-फलाहारा जला भिसे कढण गायभूया आयावणाहि पंचग्गितावेहिं इंगालसोल्लियं कंदुसोल्लियं *
सोल्लियं पिव अप्पाणं करेमाणा विहति । तत्थ णं जेते दिसापोक्खिया तावसा, सि अंतिए दिसापक्खिय [ तावस ? ]त्ताए पव्वइत्तए, पव्वइए वि य णं समाणे इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिहिस्सामि" कप्पइ मे जावज्जीवाए छट्ठछट्ठेणं अणिक्खित्तेणं दिसाचक्कवालेणं तवोकम्मेणं उड्ढ वाहाओ परिज्झिय परिज्झिय सूराभिमुहस्स आयावणभूमीए आयावेमाणस्स विहरित्तएत्तिकट्टु एवं संपेहेइ, संपेहेत्ता कल्लं पाउप्पभायाए रयणी जाव उट्ठियम्मि सूरे सहस्सरस्सिम्मि दिणयरे तेयसा जलते सुबहु लोह " • कडाहक डुच्छ्रयं तंबियं तावसभंड घडावेत्ता, विउलं असणं पाणं खाइमं साइमंउवक्खडावेत्ता, मित्त-नाइ - नियग-सयण-संबंधि-परियणं आमंतेत्ता, तं मित्त-नाइ नियग-सयणसंबंधि-परियणं विउलेणं असण- पाण- खाइम - साइमेणं धूव- पुप्फ-वत्थ-गंध-मल्लालंकारेण य सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता, तस्सेव मित्त-नाइ - नियग-सयण-संबंधि- परियणस्स पुरओ जेदृत्तं कुटुंबे ठावेत्ता, तं मित्त-नाइ - नियग-सयण-संबंधि - परियणं [ जेट्ठपुत्तं च ? ] आपुच्छित्ता, सुबहु लोहकडाहकडुच्छ्रयं तंबियं तावसभंडगं गहाय तत्थ णं जेते दिसापोविखया तावसा, तेसि अंतिए दिसापोक्खियतावसत्ताए पथ्वइए । पव्वइए वि य णं समाणे " इमं एयारूवं अभिहं अभिहिता पढमं छट्टक्खमणं उवसंपज्जित्ता णं विहरइ ॥
सोमिलस्स साधना-पदं
५१. तए णं सोमिले माहणरिसी पढमछट्ठक्खमणपारणगंसि आयावणभूमीओ पच्चो8. किढिण ( ख ), जलाभिसेय कढिणगाया (वृ); जलाभिसेयक ढिणगायभूया (वृपा ) |
१०. x ( क ख ) ; कंडुसोल्लियं ( ग ) ।
१. सं० पा असण जाव सम्मणेत्ता ।
२. कडेच्छु (क, ख ) ।
३. गोत्तिया बोहिया ( क ) 1
४. बड्ढइ (क) 1
५. पट्टा (क); हुंपउट्टा (ख); हुंपउट्टा
(ग); हुंबउट्टा (ओ० सू० ६४) ।
६. दंतुज्जलिया ( क )
७. वाकवासिणी (ओ० सू० १४ ) |
८. वेलवासिणो (वृपा ) |
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११. कटुसोल्लियं ( क ) ; x ( ग ) । १२ समाणे उड्ढ बाहाओ ( क ख ) ।
१३. अभिहिता (कख) ।
१४. सं० पा० - लोह जाव दिसापोक्खिय' । १५. × (क, ख ) 1
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