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________________ २० जस्स पवालस्स भग्गस्स, हीरो भंगे पदीसति । परित्तजीवे पवाले उ, जे यावण्णे तहाविहा ||२५|| जस्स पत्तस्स भग्गस्स, हीरो भंगे पदीसति । परित्तजीवे उसे पत्ते, जे यावष्णे तहाविहा ||२६|| जस्स पुप्फस्स भग्गस्स, हीरो भंगे पदीसति । परित्तजीवे उसे पुष्फे, जे यावण्णे तहाविहा |२७|| जस्स फलस्स भग्गस्स हीरो भंगे पदीसति । परित्तजीवे फले से उ, जे यावण्णे तहाविहा ||२८|| जस्स वीयस्स भग्गस्स, हीरो भंगे पदीसति । परित्तजीवे उसे बीए, जे यावण्णे तहाविहा ॥२६॥ Jain Education International छल्ली - अनंतजीवलक्खणं जस्स मूलस्स कट्ठाओ, छल्ली बहलतरी' भवे । अनंतजीवा उसा छल्ली जा यावण्णा तहाविहा ||३०|| जस्स कंदस्स कट्ठाओ, छल्ली वहलतरी भवे । अनंतजीवा उसा छल्ली, जा यावण्णा तहाविहा ||३१|| जस्स खंधस्स कट्टाओ, छल्ली बहलतरी भवे । अनंतजीवा उसा छल्ली जा यावण्णा तहाविहा ||३२|| जीसे सालाए कट्ठाओ, छल्ली बहलतरी भवे । अनंतजीवा उसा छल्ली जा यावण्णा तहाविहा ||३३|| छल्ली - पत्तेयसरीरजीवलक्खणं जस्स मूलस्स कट्ठाओ, छल्ली तणुयतरी भवे । परित्तजीवा उ सा छल्ली जा यावण्णा तहाविहा ||३४|| जस्स कंदस्स कट्ठाओ, छल्ली तणुयतरी भवे ! परित्तजीवा उसा छल्ली जा यावण्णा तहाविहा ||३५|| जस्स खंधस्स कट्ठाओ, छल्ली तणुयतरी भवे । परित्तजीवा उसा छल्ली जा यावण्णा तहाविहा ||३६|| जीसे सालाए कट्ठाओ. छल्ली तणुयतरी भवे । परितजीवा उसा छल्ली जा यावण्णा तहाविहा ||३७|| अनंतजीवलक्खणं चक्कागं भज्जमाणस्स, गंठी चुष्णघणो भवे । पुढवीसरिसभेदेण' अनंतजीवं वियाणाहि ||३८|| गूढ छिरागं पत्तं सच्छीरं जं च होति णिच्छीरं । जंपिय पणट्ठसंधि, अनंतजीवं वियाणाहि ॥ ३६॥ २. पुढवि क,ख,ग ) । १. बहुलतरी (क) सर्वत्र । पण्णवणासुतं For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003571
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Pannavanna Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages745
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size14 MB
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