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चउतीसइमं पवियारणापयं
३३६ सव्वत्थोवा देवा अपरियारगा, मणपरियारगा संखेज्जगुणा, सहपरियारगा असंखेज्जगुणा, रूवपरियारगा असंखेज्जगुणा, फासपरियारगा' असंखेज्जगुणा, कायपरियारगा असंखेज्जगुणा ॥
1. फरिस (क,ग,घ) ; फरस (ख)।
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