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________________ चउवीसइमं कम्मबंधपयं १. कति णं भंते ! कम्मपगडीओ पण्णताओ? गोयमा ! अटु कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ, तं जहा--णाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं । एवं णेरइयाणं जाव वेमाणियाणं ॥ २. जीवे णं भंते ! णाणावरणिज्ज कम्मं वंधमाणे कति कम्मपगडीओ बंधति ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा छव्विहबंधए वा।। ३. णेरइए णं भंते ! णाणावरणिज्ज कम्मं बंधमाणे कति कम्मपगडीओ बंधति ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अविहबंधए वा। एवं जाव वेमाणिए, णवर--मणसे जहा जीवे॥ ४. जीवा णं भंते ! णाणावरणिज्जं कम्मं बंधमाणा कति कम्मपगडीओ बंधंति ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य १ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधगे य २ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगा य छविहबंधगा य ३ ॥ ५. णेरइया णं भंते ! णाणावरणिज्जं कम्मं बंधमाणा कति कम्मपगडीओ बंधंति ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबंधगा १ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगे य २ अहवा सत्तविहबंधगा य अदविहबंधगा य३, तिण्णि भंगा। एवं जाव थणियकमारा ६. पुढविक्काइयाणं पुच्छा। गोयमा ! सत्तविहबंधगा वि अट्ठविहबंधगा वि। एवं जाव वणस्सतिकाइया ॥ ७. वियलाणं पंचेंदियतिरिक्खजोणियाण य तियभंगो-सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबंधगा १ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधए य २ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगा य ३॥ ८. मणूसा णं भंते ! णाणावरणिज्जस्स पुच्छा । गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबंधगा १ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधए य २ अहवा सत्तविहबंधगा य अटविहबंधगा य ३ अहवा सत्तविहबंधगा य छविहबंधए य ४ अहवा सत्तविहबंधगा य छविहबंधगा य ५ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधए य छव्विहबंधए य ६ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य छब्बिहबंधगा य ७ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधए य ८ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगा य छविहबंधगा य ६, एवं एते ३०४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003571
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Pannavanna Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages745
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size14 MB
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