________________
२८२
पण्णवणासुतं य ८–एते अट्ठ भंगा। सव्वे वि मिलिया सत्तावीसं भंगा भवंति । एवं मणूसाण वि एते चेव सत्तावीसं भंगा भाणियन्वा ।।
८५. एवं मुसावायविरयस्स जाव मायामोसविरयस्स जीवस्स य मणूसस्स य ।।
८६. मिच्छादसणसल्लविरए णं भंते ! जोवे कति कम्मपगडीओ बंधति ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अढविहबंधए वा एगविहबंधए वा अबंधए वा ।।
८७. मिच्छादसणसल्लविरए णं भंते ! णेरइए कति कम्मपगडीओ बंधति? गोयमा! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा जाव पंचेंदियतिरिक्खजोणिए ।।
८८. मणूसे जहा' जीवे । वाणमंतर-जोइसिय-वेमाणिए जहा र इए ॥
८६. मिच्छादसणसल्लविरया णं भंते ! जीवा कति कम्मपगडीओ बंधंति ? गोयमा ! ते चेव सत्तावीसं भंगा भाणियव्वा ।।
१०. मिच्छादसणसल्लविरया णं भंते ! गेरइया कति कम्मपगडीओ बंधति ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्ज सत्तविहबंधगा १ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगे य २ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य ३ । एवं जाव वेमाणिया, णवरं-मणूसाणं जहा जीवाणं ।। किरियामेय-पदं
६१. पाणाइवायविरयस्स णं भंते ! जीवस्स कि आरंभिया किरिया कज्जति' ? गोयमा ! पाणाइवायविरयस्स जीवस्स आरंभिया किरिया सिय कज्जइ सिय णो कज्जइ॥
६२. पाणाइवाय विरयस्स णं भंते ! जीवस्स परिग्गहिया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! णो इणठे समठे।
६३. पाणाइवायविरयस्स णं भंते! जीवस्स मायावत्तिया किरिया कज्जइ? गोयमा ! सिय कज्जइ सिय णो कज्जइ॥
१४. पाणाइवायविरयस्स गं भंते ! जीवस्स अप्पच्चक्खाणवत्तिया किरिया कज्जति? गोयमा ! णो इणटठे समठे ।।
६५. मिच्छादसणवत्तियाए पुच्छा । गोयमा ! नो इणठे समझें ।
६६. एवं पाणाइवायविरयस्स मणूसस्स वि । एवं जाव मायामोसविरयस्स जीवस्स मणसस्स य॥
६७. मिच्छादसणसल्लविरयस्स णं भंते ! जीवस्स किं आरंभिया किरिया कज्जति जाव मिच्छादसणवत्तिया किरिया कज्जति ? गोयमा ! मिच्छादसणसल्लविरयस्स जीवस्स आरंभिया किरिया सिय कज्जति सिय नो कज्जति । एवं जाव अप्पच्चक्खाणकिरिया। मिच्छादसणवत्तिया किरिया नो कज्जति ॥
८.मिच्छादसणसल्लविरयस्स णं भंते ! जेरइयस्स कि आरंभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादसणवत्तिया किरिया कज्जइ? गोयमा ! आरंभिया वि किरिया कज्जति जाव अपच्चक्खाणकिरिया वि कज्जति, मिच्छादसणवत्तिया किरिया णो कज्जति । एवं
१.१०२२।८६ । २. कज्जति जाव मिच्छादसणवत्तिया किरिया कजति (क,ख,घ) ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org