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________________ बावीसइमं किरियापयं २८१ समठे, णवरं-- अदिण्णादाणे गहण-धारणिज्जेसु दव्वेसु, मेहुणे रूवेसु वा रूवसहगएसु वा दब्वेसु, सेसाणं सव्वदव्वेसु ॥ ८१. अत्थि णं भंते ! जीवाणं मिच्छादसणसल्लवेरमणे कज्जति ? हंता ! अत्थि ।। ८२. कम्हि णं भंते ! जीवाणं मिच्छादसणसल्लवेरमणे कज्जइ ? गोयमा ! सव्वदव्वेसु । एवं णेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, गवरं -एगिदिय-विगलि दियाणं णो इणठे समठे। कम्मपगडिबंध-पदं ८३. पाणाइवायविरए णं भंते ! जीवे कति कम्मपगडीओ बंधति ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा छव्विहबंधए वा एगविहबंधए वा अबंधए वा। एवं मणूसे वि भाणियब्वे ॥ ८४. पाणाइवायविरया णं भंते ! जीवा कति कम्मपगडीओ बंधति ? गोयमा! सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य १. ! अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा अढविहबंधगे य १. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य २. अह्वा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छविहबंधगे य ३. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छहव्विबंधगा य ४. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अबंधगे य ५. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अबंधगा य ६. ! अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविबंधगे य छव्विहबंधगे य १. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य छविहबंधगा य २. अह्वा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधगे य ३. अहह्वा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्टविहबंधगा य छबिहबंधगा य ४. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्टविहबंधगे य अबंधए य १. अहवा सत्तविहबंधगा य एग विहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य अबंधगा य २. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्टविहबंधगा य अबंधगे य ३. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य अबंधगा य ४, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छविहबंधगे य अबंधगे य १ अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छविहबंधगे य अबंधगा य २ अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंधगा य अबंधए य ३ अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विबंधगा य अबंधगा ४ य । अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्टविहबंधगे य छन्विहबंधगे य अबंधगे य १. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य छविहबंधगे य अबंधगा य २. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य छविहबंधगा य अबंधगे य ३. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य छविहबंधगा य अबंधगा य ४. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधगे य अबंधगे य ५. अहवा सत्तविहबंधगा य एविहबंधगा य अट्टविहबंधगा य छन्विबंधगे य अबंधगा य ६. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधगा य अबंधगे य ७. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अढविहबंधगा य छव्विहबंधगा य अबंधगा १. सव्वेसु दव्वेसु (क,ख,ग,घ) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003571
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Pannavanna Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages745
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size14 MB
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