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________________ पण्णवणासुस्त साएय कोसला गयपुरं च, कुरु सोरियं कुसट्टा' य । कंपिल्लं पंचाला, अहिछत्ता जंगला चेव ॥२॥ 'बारवती य सुरवा, मिहिल विदेहा य वच्छ कोसंबी। णंदिपुरं संडिल्ला, भद्दिलपुरमेव मलया य ॥३॥ वइराड वच्छ वरणा, अच्छा तह मत्तियावइ दसण्णा । सुत्तीमई य चेदी, वीइभयं सिंधुसोवीरा ॥४॥ महुरा य सूरसेणा, पावा भंगी य मासपुरि वट्टा। सावत्थी य कुणाला, कोडीवरिसं च लाढा य ॥५॥ सेयविया वि य णयरी, केयइअद्धंच आरियं भणितं । एत्थुप्पत्ति जिणाणं, चक्कीणं राम-कण्हाणं ॥६॥ से तं खेत्तारिया !! जातिआरिय-पदं १४. से कि तं जातिआरिया' ? जातिआरिया छविहा पण्णत्ता, तं जहा-- अंवट्ठा य कलिंदा, विदेहा वेदगा' इ य । हरिया चुंचुणा' चेव, 'छ एया इन्भजातिओ" ॥१॥ से तं जातिआरिया ।। कुलारिय-पदं ६५. से कि तं कुलारिया'? कुलारिया छव्विहा पण्णत्ता, तं जहा-उग्गा भोगा राइण्णा इक्खागा णाता कोरव्वा । सेत्तं कुलारिया ।। कम्मारिय-पदं से कितं कम्मारिया.? कम्मारिया अणेगविहा पण्णत्ता. तं जहा-दोस्सिया सोत्तिया कप्पासि यालिया भंडवेयालिया कोलालिया परदावणिया"। जे यावण्णे तहप्पगारा। सेत्तं कम्मारिया ।। १. °त्ता (क,द)। ७. चंचूणा (घ)। २. सोरठा बारबइ (ख); वारवती सोरठा (घ)। ८. छप्पया इइजा (क)। ३. सोत्तियवइ (क,ध)। ६. ठाणं ६:३५ सूत्र एतत्संवादी पाठो दृश्यते-- ४. वीयभयं (क,घ)। छव्विहा कुलारिया मणुस्सा पण्णता, तं ५. ठाणं ६।३४ सूत्रे एतत्संवादी पाठो दश्यते-- जहा- उग्गा, भोगा राइण्णा, णाता, कोरव्वा। छव्विहा जाइआरिया मगुस्सा पण्णता, तं १०. अणुओगदाराई ३५६ सूत्रे एततसंवादी पाठो जहा दश्यते--से कि तं कम्मनामे ? कम्मनामेअंबट्टा य कलंदा य, देदेहा वेदिगादिया। दोसिए सोत्तिए कप्पासिए भंडवेयालिए हरिता चुचुणा चेव, छप्पेता इन्भजातिया ।। कोलालिए । से तं कम्मनामे । ६. वेंदमा (ख)। ११. परवावष्णिया (ख,घ); नरंदावणिया (ग) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003571
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Pannavanna Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages745
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size14 MB
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