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२३
१७३
१७३
२१
'बिटा
२४५
चरियासु
चलियासु
६६५
१५६ सम्वोउय
सव्वोउत° (क,ख,ग,ध) पिणद्ध
विनद्ध
(घ) तिठाण
तित्थाण. (क,ख,ग,घ,च,छ) आईणग
आदीणग (क,ख,ग,घ) उड्ढे
उद्घ
(क) 'वेइया
वेतिया (क,ख,ग,घ,च,छ) १९७ फलएसु
°फलतेसु (क,ख,ग,घ,च,छ) तमओ
तगो (क); ततो (छ) २२८
बेंटा क,ख,ग,छ; बेठा (च) सुविरइ-रयत्ताणे
सुइरइ-रइत्ताणे (क,ख,ग,घ,छ) २६२ कडुच्छुयं
कडुच्छ्यं (क,ख,ग,ध)
(क,ख,ग) पीय
पील
(क,ख,ग) ६८३ विद
वंद
(घ) ६८७
'पूहे
(क,ख,ग) 'परिभाइत्ता
परिभागेत्ता (क,ख,ग,घ,च,छ) कोट्ठयाओ
कोट्ठाओ (क,घ) ७२० अगिलाए
अइलाए
(क,च) अओ
अयो (क,ख,ग); अय° (घ) भिच्चा ७६० किसिए
कसिए (क,ख,ग,घ,छ) वाउकायस्स
बाउयागस्स (क,ख,ग,घ,च,छ) ७८७ भिक्खुयाण
भिछुयाणं (घ, च) , ७६१ प्पभोगेण
प्पयोगेण प्रति-परिचय
(क) यह प्रति सरदारशहर 'श्रीचन्द गणेशदास गधैया पुस्तकालय' से प्राप्त है। इसके ४६ पत्र तथा ९८ पृष्ठ है। प्रत्येक पत्र की लम्बाई १० इंच तथा चौड़ाई ४॥ इंच है। प्रत्येक पत्र में १३ पंक्तियां तथा प्रत्येक पंक्ति में ५० से ५५ तक अक्षर है यह प्रति वि० सं०१६७१ की लिखी हई है। इसकी पुष्पिका निम्नोक्त है...--
नमो जिणाणं जियभवाणं णमोसुय देवयाए भगवईए णमो पण्णत्तीए भगवईए णमो भगवओ अरहओ पासस्स पस्से सुपस्से पस्स शोभए । छ : रायपसेण इयं समत्तं । छ । ग्रंथा २०७६ समथितमिदं सूत्र छ संवत् १६७१ वर्षे भाद्रवा सुदि ११ । आगे भी पष्पिका है पर उस पर हड़ताल फेरी हुई है।
(ख), (ग) पत्र क्रमशः ५५, ६१ । ये दोनों प्रति 'क' प्रति के सदश ही हैं। (घ) यह प्रति यति कनकचन्दजी पाली (मारवाड़) की है। इसके पत्र ५४ व पृष्ठ १०८ हैं।
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भेच्चा
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