SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 94
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बीअं ठाणं (पढमो उद्देसो) ५०१ ८. दो किरियाओ पण्णताओ तं जहा—पाओसिया चेव, पारियावणिया चेव ॥ ६. पाओसिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा–जीवपाओसिया चेव, ___ अजीवपाओसिया चेव ।। १०. पारियावणिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-सहत्थपारियावणिया चेव, परहत्थपारियावणिया चेव।। ११. दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा—पाणातिवायकिरिया चेव, अपच्चक्खाण किरिया चेव ।। १२. पाणातिवायकिरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-सहत्थपाणातिवायकिरिया चेव, परहत्थपाणातिवायकिरिया चेव ॥ १३. अपच्चक्खाणकिरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-जीवअपच्चक्खाणकिरिया चेव, अजीवअपच्चक्खाणकिरिया चेव ॥ १४. दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा–आरंभिया चेव, पारिग्गहिया चेव । १५. आरंभिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा–जीवआरंभिया चेव, अजीव आरंभिया चेव ।। १६. पारिग्गहिया किरिया दुविहा पणत्ता, तं जहा–जीवपारिग्गहिया चेव, अजीवपारिग्गहिया चेव ।। १७. दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा--मायावत्तिया' चेव, मिच्छादसणवत्तिया चेव। १८. मायावत्तिया' किरिया दुविहा पण्णता, तं जहा—आयभाववंकणता चेव, पर भाववंकणता चेव ।। १६. मिच्छादसणवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-ऊणाइरियमिच्छादसण वत्तिया चेव, तव्वइरित्तमिच्छादसणवत्तिया चेव ।। २०. दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा-दिट्ठिया चेव, पुट्टिया चेव ।। २१. दिट्ठिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-जीवदिट्ठिया चेव, अजीवदिट्ठिया चेव ।। २२. "पुट्टिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहाजीवपुट्ठिया चेव, अजीवपुट्ठिया चव ॥ २३. दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा–पाडुच्चिया चेव, सामंतोवणिवाइया चेव ।। १. सं० पा०–एवं पारिग्गहिया वि। २. मायवत्तिया (क, ग)। ३. मायवत्तिया (क, ग)। ४. ऊणायरिय ° (क, ग); ऊणाइरित्त (क्व) । ५. सं० पा०-एवं पुट्रियादि । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003559
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages472
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy