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इनकी कार्य-क्षमता और कर्त्तव्य-परता ने मुझे बहुत संतोष दिया है।
प्रस्तुत आगमों के पाठ संशोधन में अनेक मुनियों का योग रहा । उन सबको मैं आशीर्वाद देता हं कि उनकी कार्यजा शक्ति और अधिक विकसित हो ।
- अपने शिष्य साधु-साध्वियों के सहयोग से पाठ संशोधन का बृहत् कार्य सम्यग् रूप से सम्पन्न है, इसका मुझे परम हर्ष है।
आचार्य तुलसी
तेरापंथ भवन आमेट १४ नवम्बर १९८५
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