SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 491
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अणुओगदाराई ३४१ २६३. १. कयरे से नामे उदइए उवसमिए खयनिष्फण्णे ? उदइए त्ति मणस्से उवसंता कसाया खइयं सम्मत्तं, एस णं से नामे उदइए उवसमिए खयनिप्फण्णे । २. 'कयरे से नामे उदइए उवसमिए खओवसमनिप्फण्णे ? उदइए त्ति मणस्से उवसंता कसाया खओवसमियाइं इंदियाई, एस णं से नामे उदइए उवसमिए खओवसमनिप्फण्णे"। ३. 'कयरे से नामे उदइए उवसमिए पारिणामियनिप्फण्णे ? उदइए त्ति मणस्से उवसंता कसाया पारिणामिए जीवे, एस णं से नामे उदइए उवसमिए पारिणामियनिप्फण्णे। ४. 'कयरे से नामे उदइए खइए खओवसमनिप्फण्णे ? उदइए ति मणस्से खइयं सम्मत्तं खओवसमियाइं इंदियाई, एस णं से नामे उदइए खइए खओवसमनिप्फण्णे"। ५. 'कयरे से नामे उदइए खइए पारिणामियनिप्फण्णे ? उदइए त्ति भणुस्से खइयं सम्मत्तं पारिणामिए जीवे, एस णं से नामे उदइए खइए पारिणामियनिप्फण्णे" । ६. 'कयरे से नामे उदइए खओवसमिए पारिणामियनिप्फण्णे ? उदइए त्ति मणस्से खओवसमियाइं इंदियाइं पारिणामिए जीवे, एस णं से नामे उदइए खओवसमिए पारिणामियनिप्फण्णे । ७. 'कयरे से नामे उवस मिए खइए खओवसमियनिप्फण्णे ? उवसंता कसाया खइयं सम्मत्तं खओवस मियाइं इंदियाइं, एस णं से नामे उवसमिए खइए खओवसमनिप्फण्णे। ८. 'कयरे से नामे उवसमिए खइए पारिणामिनिप्फण्णे ? उवसंता कसाया खइयं सम्मत्तं पारिणामिए जीवे, एस णं से नामे उवसमिए खइए पारिणा मियनिप्फण्णे । ६. 'कयरे से नामे उवसमिए खओवसमिए पारिणा मियनिप्फण्णे ? उवसंता कसाया खओवसमियाइं इंदियाई पारिणामिए जीवे, एस णं से नामे उवसमिए खओवसमिए पारिणामियनिष्फण्णे"। १०. 'कयरे से नामे खइए खओवसमिए पारिणामियनिष्फण्णे ? खइयं सम्मत्तं खओवसमियाइं इंदियाई पारिणामिए जोवे, एस णं से नामे खइए खओवसमिए पारिणामियनिप्फण्णे" ॥ १. एवं उदइय उवसमिय खओवसमिय (क)। २. एवं उदइय उवसमिय पारिणामिय (क)। ३. एवं उदइय खइय खओवसमिय (क)। ४. एवं उदइय खइय पारिणामिय (क)। ५. एवं उदइय खओवसमिय पारिणामिय (क)। ६. एवं उवसमिय खइय खओवसमिय (क)। ७. उवसमिय खइय पारिणामिय (क) । ८. उवसमिय खओवसमिय पारिणामिय (क)। है. खइय खओवसमिय पारिणामिय (क)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003556
Book TitleNavsuttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages1316
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy