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________________ १२० जइयव्व-जणणी जइयत्व (यतितव्य) अ० ७१५॥५ जक्खा (यक्षा) प० १६१ जउणा (यमुना) क० ४१२६. नि० १२।४३ जक्खाइट (यक्षाविष्ट) क० ६।१२. व० २।११ जउव्वेय (यजुर्वेद) ५० ६ जक्खालित्त (यक्षादीप्त) अ० २८७ जओ (यतस) द० ७.११. चू० २।६. उ० ११७, जग (10) द० ५।६८।। २१; १२२ जग (जगत्) द० ८।१२. उ० ८।१०।१४।३६, जंगिय (जाङ्गिक, जाङ्गयिक) क० २०२८ ४३; १६०२५. नं० गा० १,३ जंघा (जङ्गा) प० २४ जगई (जगती) उ० ११४५ जंघाचर (जङ्काचर) अ० ३०२।७ जगगुरु (जगदगुरु) नं० गा० १ जंधारोम (जडारोमन) नि० ३।४२, ४।८०; ६॥ जगणाह (जगन्नाथ) नं० गा० १ ५१; ७।४०; ११३७, १५॥३६ १५५; १७१४१, जगनिस्सिय (जगनिश्रित) द० ८।२४ जगप्पिरामह (जगतपितामह) नं0 गा०१ जंत (यात्) उ० २२॥३३ जगबंधु (जगद्वन्धु) नं० गा० १ जंतकम्म (यन्त्रकर्मन्) दसा० १०।१४ जगाणंद (जगानन्द) नं० गा०१ जंतलट्ठि (यन्त्रयष्टि) द० ७।२८ जघण (जघन) १० २४ जंतिय (यन्त्रित) उ० ३२३१२ जच्व (जात्य) नं० गा० ३१. वसा० १०।१४.५० जंतु (जन्तु) इचू० १।१५,१६. उ० ३।१; ७६; २३,२८,२६ १४।४२; १६।१५; २३।६०; २८.७,८,३२॥ जच्चजण (जात्याञ्जन) प० २४ २५,३८,५१,६४,७७,६०,११० जच्चकणग (जात्यकनक) प० ७८ जंपिय (जल्पित) ० ३२।१४ जच्चिरं (यच्चिरम्) नं० १२० जंबु (जम्बु) प० १६१ जट्ठ (इष्ट) उ० २०२८ जंबुद्दीव (जम्बूद्वीप) नं० १८१५. अ० १८५,१८६, जट्ठा (इष्टा) उ० ६।३८ ५५६,६१५. प० २,६,१०,१३,१५,१०६,१२७, जडि (जटित्व) उ० ५।२१ जडि (जटिन्) दसा० १०।१४ जंबुद्दीवपण्णत्ति (जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति) नं० ७८. जोनं० जढ (त्यक्त) २०६।६०. बसा० ४।२।३६ जण (जन) वचू० २।२. उ० ४।१,५७; ६।३० जंबू (जम्बू) उ० ११।२७. नं० गा० २३. अ० १०।१८,१६, १२।२५,२८,३३, १३।१४,१८% २६४।५ १६ सू० ११, गा० १,११; २२।१७,२७; जंभाइय (जम्भित) आ० ४१५; ५।३ ३२॥३,१५. नं० गा० ८,१५,३७, सु० २५. जंभियग्गाम (जम्भिकग्राम) ५०८१ अ० ३१०,५६९,७०८।६. वसा० ६२,३,१०। जक्ख (यक्ष) द० ६।२७,२८. उ० ३।१४,१६; ५।। १८. प० २६,२८,५४,६४ २४,२६; १२१७,२४,३२,४०,४५; १६।१६; जण (जनय) -जणंति द०६।४८. -जणयइ २३१२०, ३६।२०७. अ० २०,१८५१४,२५४. उ० २६२ दसा. ६।२।३४ जणइत्ता (जनयित्वा) उ० २९।५७ जक्खदिन्ना (यक्षदत्ता) ५० १६१३३ जणण (जनन) अ० ३१३ अक्खमह (यक्षमह) नि० ८।१४; १९।११ जणणी (जननी) उ० १६०२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003556
Book TitleNavsuttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages1316
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size29 MB
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