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________________ १०८ गुरुसाहम्मियसुस्सूसणया-गोयम गुरुसाहम्मियसुस्सूसणया (गुरुसार्मिकशुश्रूषण) गोच्छग (गोच्छग) द० ४ सू० २३. उ० २६॥२३. उ० २६१,५ क०३।१४,१५ गुल (गुड) अ० २८७।१,३७६. नि० ६७६; ८।१७ गोट्ठिय (गोष्ठिक) अ० ५५७ गुलगुलाइय (गुलगुलायित) अ० ५२२ गोण (गो०) द० ५।१२. उ० ३६।१८०.० ३८१७ गुब्विणी (गुर्विणी) व० ५।३६,४०. दसा० ७।५ अनं० १२. वसा० ७.२४ व०१०३ गोणकरण (गोकरण) नि. १२।२४; १७.१४६ गुहा (गुफा) नं० गा० १४,८३ गोणगिह (गोगह) नि० ८६; १५७५ गूढ (गूढ) उ० २५।१८ गोणजुद्ध (गोयुद्ध) नि० १२।२५,१७।१४७ गूढाचारि (गूढाचारिन्) बसा० ६।२१७ गोणसाला (गोशाला) नि० ८1८; १५३७५ गूिह (गृह) --गूहे द० ८।३२ गोण्ण (गौण) अ० ३१६,३२०. ५० ५२,६६ Vगेण्ह (ग्रह) -गेण्ह २०७।४५. अ० ३०८१५. गोतम (गौतम) ५० २,१६२,२१७ -गेण्हइ उ० २५।२४. गेण्हंति ०६।१४. गौत्त (गोत्र) २०७।१७,२०. उ० ३२; १८२१, -गेण्हति नि० २।२. गेण्हेज्जा द०४ सू० २२; २९४४,७३; ३३।२३. अ० २८२,६०४. १३ वसा० ५७; १०१६.५० १२,१४,६७,६६ से ७२,१०६,१२४,१३८,१८०,१८३,१९३,२२१॥ गेण्हत (गृहत्) ३० ४ सू० १३. नि० २।२; ६१ गोत्तागार (गोत्रागार) ५० ५१ गेण्हण (ग्रहण) उ० १६।२७ गोदास (गोदास) १० १८६,१६० गेण्हमाण (गहत) द० ६।१४ गोदासगण (गोदासगण) ५० १६० Vगेहाव (ग्राहय) --गेण्हावए ३०६।१४. गोदोहिया (गोदोहिका) दसा० ७.३० -गेण्हावेज्जा व० ४ सू० १३ गोधा (गोधा) दसा० ६३ गेद्धि (खि) उ० ३४।२३ गोपुर (गोपुर) उ०६।१८. अ० ३९२. नि० ८३%B गेरुय (गैरिक) ८० ५॥३४. उ० ३६७६ १५२६६ गेविज्ज (वेय) उ० ३६।२१२. ५० ४२ गोप्पय (गोष्पद) अ० ५४० गेविज्जग (प्रैवेयक) उ० ३६।२१५ गोमय (गोमय) द. २७. नि० १२१३३ से ३६ गेवेज्ज (वेय) अ० २८७, वसा० १०॥३ गोमि (गोमिन) द. ७१६ गेवेज्जग (वेयक) सा० १०।११ गोमिणी (गोमिनो) ८० ७१६ गेवेज्जय (ग्रेवेयज) अ० २५४ गोमिय (गोमिन्) अ० ३३० गेवेज्जविमाण (ग्रेवेयविमान) अ० १८६ गोमुत्ति (गोमूत्रिका) उ० ३०।१६ गोमुत्तिया (गोमूत्रिका) दसा० ७१७ गेह (गेह) उ०६।६१; १७१८; १९२२. बसा. गोमुही (गोमुखी) अ० ३००।१ १०।६.५० ४४ गोमेज्जय (गोमेदक) उ० ३६।७५ गेहि (गद्धि) उ० ६।४. दसा० ६।२।१४ गोम्हिय (दे०) अ० ५२५ गो (गो) उ० ३४।१६,१८. नं० गा० ४४. अ० गोय (गोत्र) उ० २६।४२,३३१३,१४. वसा० १०॥ ३३०,५४१. दसा०६।३ गोखीर (गोक्षीर) १० २६ गोयम (गौतम) उ० १०१ से ३७; १८।२२, २२॥ गोच्छ (गोच्छ) आ० ४।६ ५; २३१६,६,१४ से १८,२१,२२,२५,२८,३१, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003556
Book TitleNavsuttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages1316
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size29 MB
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