________________
बीयं पाहुडं पढमं पाहुडपाहुडं
१. ता कहं ते तिरिच्छगती' आहिताति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाओ अट्ट पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ। तत्थ एगे एवमाहंसु-ता पुरत्थिमाओ' लोयंताओ पादो मिरीची आगासंसि उत्तिट्टइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ, करेत्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतंसि सायं मिरीयं आगासंसि विद्धंसइ.-एगे एवमाहंसु १ एगे पुण एवमाहंसुः–ता पुरत्थिमाओ लोयंताओ पादो सूरिए आगासंसि उत्तिट्टइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ, करेत्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतंसि सायं सूरिए आगासंसि विद्धंसइ-एगे एवमाहंसु २ एगे पुण एवमाहंसु–ता पुरत्थिमाओ लोयंताओ पादो सूरिए आगासंसि उत्तिट्टइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ, करेत्ता, 'पच्चत्थिमंसि लोयंतंसि सायं सूरिए आगासं अणुपविसइ, अणुपविसित्ता" अहे पडियागच्छइ, पडियागच्छित्ता पुणरवि अवरभूपुरथिमाओ लोयंताओ पादो सूरिए आगासंसि उत्तिट्ठइ---एगे एवमाहंसु ३ एगे पुण एवमाहंसुता पुरत्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए पुढविकायंसि उत्तिट्ठइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ, करेत्ता पच्चथिमिल्लसि लोयतंसि सायं सूरिए पुढविकायंसि विद्धंसइ---एगे एवमाहंसू ४ एगे पूण एवमाहंसू-ता पुरत्थिमाओ लोयंताओ पाओ सरिए पूढविकायंसि उत्तिट्टइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ, करेत्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतंसि सायं रिए पुढविकायंसि अणुपविसइ, अणुपविसित्ता अहे पडियागच्छइ, पडियागच्छित्ता पुणरवि अवरभूपुरत्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए पुढविकायंसि उत्तिदृइ--- एगे एवमाहंसु ५ एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरथिमिल्लाओ लोयंताओ पाओ सूरिए आउकायंसि उत्तिट्टइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ, करेत्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतंसि पाओ सूरिए आउकायंसि विद्धंसइ–एगे एवमाहंसु ६ एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरत्थिमाओ लोगंताओ पाओ सूरिए
१. कधं (क)। २. तिरच्छगती (ट)। ३. पुरत्थमिल्लातो (ट)। ४. लोगंतातो (ट)। ५. सूरिए (ट); मिरी (व) ।
६. x (ग,घ,ट,व)। ७. पच्चस्थिमिल्लसि (ट,व)। ८. सूरिए (क,ट,व)। ६. चिन्हाङ्कितः पाठः क,ग,घ'
नोपलभ्यते।
आदर्शषु
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org