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________________ इयं बहुवत्तव्वयपयं तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, अहेलोय - तिरियलोए असंखेज्जगुणा, अहेलो संखेज्जगुणा, तिरियलोए संखेज्जगुणा ॥ १५३. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा पंचिदिया तेलोक्के, उड्डलोय - तिरियलोए संखेज्जगुणा, अहेलोय - तिरियलोए संखेज्जगुणा, उड्ढलोए संखेज्जगुणा, अहेलोए संखेज्जगुणा, तिरियलोए असंखेज्जगुणा ॥ ५७ १५४. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा पंचिदिया अपज्जत्तया तेलोक्के, उड्डलोय- तिरियलोए संज्जगुणा, अहेलोय - तिरियलोए संखेज्जगुणा, उड्डलोए संखेज्जगुणा, अहेलोए संखेज्जगुणा, तिरियलोए असंखेज्जगुणा || १५५. खेत्ताणुवाणं सव्वत्थोवा पंचिदिया पज्जत्तया उडलोए, उड्डलोय- तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के संखेज्जगुणा, अहेलोय - तिरियलोए संखेज्जगुणा, अहेलोए संखेज्जगुणा, तिरियलोए असंखेज्जगुणा || १५६. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा पुढविकाइया उडलोय - तिरियलोए अहेलोय - तिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, उड्डलोए असंखेज्जगुणा, अलोए विसेसाहिया || १५७. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा पुढविकाइया अपज्जत्तया उड्ढलोय - तिरियलोए, अहेलोय - तिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, उड्ढलोए असंखेज्जगुणा, अहेलोए विसेसाहिया || १५८. खेत्ताणुवाणं सव्वत्योवा पुढविकाइया पज्जत्तया उड्ढलोय - तिरियलोए, अहेलोय - तिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, उड्ढलोए असंखेज्जगुणा, अहेलोए विसेसाहिया || १५६. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा आउकाइया उड्ढलोय - तिरियलोए, अहेलोय - तिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, उड्ढलोए असंखेज्जगुणा, अलोए विसेसाहिया || १६०. खेत्ताणुवाणं सव्वत्योवा आउकाइया अपज्जत्तया उड्ढलोय - तिरियलोए, अहेलोय - तिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, उड्ढलोए असंखेज्जगुणा, अहेलोए विसेसाहिया || १६१. खेत्ताणुवारणं सव्वत्थोवा आउकाइया पज्जत्तया उड्डलोय तिरियलोए, अहेलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, उड्ढलोए असंखेज्जगुणा, अहेलोए विसेसाहिया || १६२. खेत्ताणुवाणं सव्वत्थोवा तेउकाइया उड्डलोय - तिरियलोए, अहेलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलाए असंवेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, उड्ढलोए असंखेज्जगुणा, अहेलोए विसेसाहिया || १६३. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्योवा तेउकाइया अपज्जत्तया उडलोय तिरियलोए, अहेलोय - तिरियलोए विसेसाहिया, तिरियताएं असं बेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्ज गुणा, उड्डलए असंखेज्जगुणा, अहेलोए विसेसाहिया ॥ १६४. जे ताजुवाएगं सत्यावा ते उक्काया पज्जता उड्डलोय - तिरियलोए, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003555
Book TitleUvangsuttani Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages1178
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size22 MB
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