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________________ ८६ तिरियलोए संखेज्जगुणाओ, उड्ढलोए असंखेज्जगुणाओ || १४१. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा एगिदिया जीवा उड्ढलोय - तिरियलोए, अहेलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, उड्ढलोए असंखेज्जगुणा, अहेलोए विसेसाहिया || १४२. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा एगिदिया जीवा अपज्जत्तगा उडलोय - तिरियलोए, अहेलोय - तिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोव के असंखेज्जगुणा, उड्डलए असंखेज्जगुणा, अहेलोए विसेसाहिया || पण्णवणासुतं १४३. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा एगिंदिया जीवा पज्जत्तगा उड्डलोय - तिरियलोए, अहेलोय - तिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जागुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, उलोए असंखेज्जगुणा, अहेलोए विसेसाहिया || १४४. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा बेइंदिया उडलोए, उड्डलोय - तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, अहेलोय - तिरियलोए असंखेज्जगुणा, अहेलोए संखेज्जगुणा, तिरियलोए संखेज्जगुणा ॥ १४५. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा बेइंदिया अपज्जत्तया उड्ढलोए, उड्डलोय - तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, अहेलोय - तिरियलोए असंखेज्जगुणा, अहेलोए संखेज्जगुणा, तिरियलोए संखेज्जगुणा || १४६. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा बेंदिया पज्जत्तया उड्ढलोए, उड्डलोय - तिरियलोए असंखेज्जगुण', तेलोवके असंखेज्जगुणा, अहेलोय - तिरियलोए असंखेज्जगुणा, अहेलोए संखेज्जगुणा, तिरियलोए संखेज्जगुणा || १४७. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा तेइंदिया उडलोए, उड्डलोय - तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, अहेलोय - तिरियलोए असंखेज्जगुणा, अहेलोए संखेज्जगुणा, तिरियलोए संखेज्जगुणा || १४८. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा तेइंदिया अपज्जत्तगा उड्ढलोए, उड्डलोय - तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, अहेलोय - तिरियलोए असंखेज्जगुणा, अहेलोए संखेज्जगुणा, तिरियलोए संखेज्जगुणा ॥ १४६. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा तेइंदिया पज्जत्तगा उड्डलोए, उड्डलोय - तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, अहेलोय - तिरियलोए असंखेज्जगुणा, अहेलोए संखेज्जगुणा, तिरियलोए संखेज्जगुणा || १५०. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा चउरिंदिया जीवा उड्ढलोए, उड्डलोय - तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, अहेलोय - तिरियलोए असंखेज्जगुणा, अहेलोए संखेज्जगुणा, तिरियलोए संखेज्जगुणा || १५१. खेत्ताणुवाणं सव्वत्थोवा चउरिदिया जीवा अपज्जत्तगा उड्डलोए, उड्डलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, अहेलोय-तिरियलोए असंखेज्जगुणा, अहेलो संखेज्जगुणा, तिरियलोए संखेज्जगुणा ॥ १५२. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्योवा चउरिदिया जोत्रा पज्जतथा उडलोए, उड्डलोय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003555
Book TitleUvangsuttani Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages1178
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size22 MB
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