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अट्टम वग्गो - अभयणं ( महाकण्हा )
दसमे दसए दस-दस दत्तीग्रो भोयणस्स पडिगाइ, दस-दस पाणयस्स । एवं खलु एयं दस दसमियं भिक्खुपडिमं एक्केणं राइदियसएणं श्रद्धछट्ठेहि य भिक्खासएहिं अहासुत्तं जाव' आराहेइ, आराहेत्ता बहूहिं चउत्थ छट्ठट्ठम-दसमदुवालसेहिं मासद्धमासखमणेहिं विविहेहि तवोकम्मेहि अप्पाणं भावेमाणी विहरइ ॥
२५. तए णं सा सुकण्हा प्रज्जा तेणं श्रोरालेणं तवोकम्मेणं जाव' सिद्धा || २६. निक्खेव ||
चट्ठ अभयणं महाकण्हा
महाकण्हाए खुड्डागसव्वग्रोभद्द-पदं
२७. एवं – महाकण्हा वि, नवरं - खुड्डागं सव्वग्रोभ पडिमं उवसंपज्जित्ताणं
विहरइ-
च उत्थं करेइ,
१. ०८ ।
२. पू० प्र० ८ १३ ।
३. ग्रं० ८।१३-१६ ।
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करेत्ता
छट्ठ
करेइ,
करेत्ता
श्रमं
करेइ, करेत्ता दसमं करेइ, करेत्ता
दुवालसमं करेइ,
करेत्ता मं करेइ, करेत्ता
करेत्ता
दसमं करेइ, दुवालसमं करेइ, चउत्थं करेइ, करेत्ता
करेत्ता
छट्ट करेइ, करेता दुवालसमं करेs, करेत्ता चउत्थं करे.इ करेत्ता
छट्ठ
करेइ,
करेत्ता
काम
सव्वकामगुणयं सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणिय
सव्वकामगुणियं सव्वकामगणियं
सव्वकामगुणियं
सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं
सव्वकामगुणियं सव्वकामगुणियं
सव्वकामगुणयं सव्वकामगणियं
४. ग्रं० ८६-८ ।
५. X ( क, ख, ग, घ ) ।
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