SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 414
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अट्ठमं सतं (पंचमो उद्देसो) ३५३ न करेइ, करेंतं नाणुजाणइ मणसा २४. अहवा न करेइ, करेंतं नाणुजाणइ वयसा २५. अहवा न करेइ, करेंतं नाणुजाणइ कायसा २६. अहवा न कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ मणसा २७. अहवा न कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ वयसा २८. अहवा न कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ कायसा । २६. एगविहं तिविहेणं पडिक्कममाणे न करेइ, मणसा वयसा कायसा ३०. अहवा न कारवेइ मणसा वयसा कायसा ३१. अहवा करेंतं नाणुजाणइ मणसा वयसा कायसा। ३२. एक्कविहं दुविहेणं पडिक्कममाणे न करेइ मणसा वयसा ३३. अहवा न करेइ मणसा कायसा ३४. अहवा न करेइ वयसा कायसा ३५. अहवा न कारवेइ मणसा वयसा ३६. अहवा न कारवेइ मणसा कायसा ३७. अहवा न कारवेइ वयसा कायसा ३८. अहवा करेंतं नाणुजाणइ मणसा वयसा ३६. अहवा करेंतं नाणुजाणइ मणसा कायसा ४०. अहवा करेंतं नाणुजाणइ वयसा कायसा । ४१. एगविह एगविहेणं पडिक्कममाणे न करेइ मणसा ४२. अहवा न करेइ वयसा ४३. अहवा न करेइ कायसा ४४. अहवा न कारवेइ मणसा ४५. अहवा न कारवेइ वयसा ४६. अहवा न कारवेइ कायसा ४७. अहवा करेंतं नाणुजाणइ मणसा ४८. अहवा करेंतं नाणुजाणइ वयसा ४६. अहवा करेंतं नाणु जाणइ कायसा ॥ २३८. पडुप्पन्नं संवरेमाणे किं तिविहं तिविहेणं संवरेइ ? एवं जहा पडिक्कममाणेणं एगुणपन्नं भंगा भणिया एवं संवरमाणेण वि एगूण पन्न भंगा भाणियव्वा ।। २३६. अणागयं पच्चक्खमाणे किं तिविहं तिविहेणं पच्चक्खाइ ? एवं एते' चेव भंगा एगणपन्न भाणियव्वा जाव अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा॥ २४०. समणोवासगस्स णं भंते ! पुव्वामेव थूलए मुसावाए अपच्चक्खाए भवइ, से णं भंते ! पच्छा पच्चाइक्खमाणे किं करेइ ? एवं जहा पाणाइवायस्स सोयालं भंगसयं भणियं, तहा मुसावायस्स वि भाणियव्वं । एवं अदिन्नादाणस्स वि', एवं थूलगस्स वि मेहुणस्स, थूलगस्स वि परिग्गहस्स जाव अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा। एते खलु एरिसगा समणोवासगा भवंति, नो खलु एरिसगा आजीवियोवासगा भवंति ॥ ३. वि भाणितव्वं (ता)। १. x (अ, म); ते (क, ब, स)। २. ४ (ता)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003552
Book TitleAngsuttani Part 02 - Bhagavai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages1158
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy