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________________ ३२४ भगवई गोयमा ! एगिदियोरालियसरीरकायपयोगपरिणए वा जाव' पंचिदियोरा लियसरीरकायपयोगपरिणए वा ।। ५१. जइ एगिदियोरालियसरीरकायपयोगपरिणए किं पुढविक्काइयएगिदियोरा लियसरीरकायपयोग परिणए ? जाव वणस्सइकाइयएगिदियोरालियसरीरकायपयोगपरिणए ? गोयमा ! पुढविक्काइयएगिदिय''पोरालियसरीरकायपयोग परिणए वा जाव वणस्सइकाइयएगिदिय' पोरालियसरीरकायपयोग परिणए वा ॥ जइ पुढविक्काइयएगिदियोरालियसरीरकायपयोगपरिणए" किं सुहमपुढविक्काइय जाव परिणए ? बादरपुढविक्काइय जाव परिणए ? गोयमा ! सुहुमपुढविकाइयएगिदिय जाव परिणए वा, बादरपुढविक्काइय जाव परिणए वा॥ ५३. जइ सुहुमपुढविक्काइय जाव परिणए कि पज्जत्तासुहुमपुढविक्काइय जाव परिणए ? अपज्जत्तासुहुमपुढविक्काइय जाव परिणए? गोयमा ! पज्जत्तासुहुमपुढविक्काइय जाव परिणए वा, अपज्जत्तासुहुमपुढविक्काइय जाव परिणए वा। एवं बादरा वि। एवं जाव वणस्सइकाइयाणं चउक्कनो भेदो। बेइंदिय-तेइंदिय-चरिदियाणं दुयो भेदो-पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य॥ ५४. जइ पंचिदियोरालियसरीरकायपयोगपरिणए किं तिरिक्खजोणियपंचिदिय_ोरालियसरीरकायपयोगपरिणए ? मणुस्सपंचिदिय जाव परिणए ? गोयमा ! तिरिक्खजोणिय जाव परिणए वा, मणुस्सपंचिदिय जाव परिणए वा॥ ५५. जइ तिरिक्खजोणिय जाव परिणए कि जलचरतिरिक्ख जोणिय जाव परिणए ? थलचर-खहचर जाव परिणए ? एवं चउक्कयो भेदो जाव खहचराणं ।। ५६. जइ मणुस्सपंचिदिय जाव परिणए कि संमुच्छिममणुस्सपंचिदिय जाव परिणए ? गब्भवक्कंतियमणुस्स जाव परिणए ? गोयमा ! दोसु वि ॥ - ५७. जइ गब्भवतियमणुस्स जाव परिणए कि पज्जत्तागब्भववतिय जाव परिणए ? अपज्जत्तागब्भवक्कंतिय जाव परिणए ? १. बेइंदिय जाव परिणए वा (अ, क, ब, म, स); बेइंदिय जाव (ता)। २. सं० पा०-एगिदिय जाव परिणए । ३. सं० पा०—० एगिदिय जाव परिणए। ४. स० पा०-० एगिदिय जाव परिणए। ५. सरीर जाव परिणए (अ,क, ता, ब,म, स)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003552
Book TitleAngsuttani Part 02 - Bhagavai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages1158
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size19 MB
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