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________________ ५०२ ठाणं २४. पाडुच्चिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा--जीवपाडुच्चिया चेव, अजीव पाडुच्चिया चेव ॥ २५. "सामंतोवणिवाइया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-जीवसामंतोवणिवाइया चेव, अजीवसामंतोवणिवाइया चेव ° ।। २६. दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा-साहत्थिया चेव, सत्थिया चेव ॥ २७. साहत्थिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-जीवसात्थिया चेव अजीव साहत्थिया चेव ॥ २८. “णेसत्थिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा—जीवणेसत्थिया चेव, अजीव णेसत्थिया चेव ° ॥ २६. दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा-आणवणिया चेव, वेयारणिया' चेव ॥ ३०. "आणवणिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-जीवआणवणिया चेव, अजीव आणवणिया चेव ।। ३१. वेयारणिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-जीववेयारणिया चेव, अजीव वेयारणिया चेव ° ॥ ३२. दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा-अणाभोगवत्तिया चेव, अणवकखवत्तिया चेव ॥ ३३. अणाभोगवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-अणाउत्तआइयणता' चेव, अणाउत्तपमज्जणता चेव ।। अणवकंखवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-आयसरी रअणवकंख वत्तिया चेव, परसरीरअणवकंखवत्तिया चेव ॥ ३५. दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा--पेज्जवत्तिया चेव, दोसवत्तिया चेव ॥ ३६. पेज्जवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-मायावत्तिया चेव, लोभवत्तिया चेव ।। दोसवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा–कोहे चेव, माणे चेव ।। गरहा-पदं ३८. दुविहा गरिहा पण्णत्ता, तं जहा-मणसा वेगे गरहति, वयसा वेगे गरहति । अहवा-गरहा दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-दीहं वेगे अद्धं गरहति, रहस्सं वेगे अद्धं गरहति ॥ १. सं० पा०–एवं सामंतोवणिवाइयावि । २. सं० पा०--एवं सत्थियावि । ३. वेयारणीया (क, ख); अणाणुवणिता (ग)। ४. सं० पा०-जहेव सत्थियाओ। ५. ० आयाणता (क)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003551
Book TitleAngsuttani Part 01 - Ayaro Suyagao Thanam Samavao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages1108
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size17 MB
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