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पढमं ठाणं
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१०५. एगे परपरिवाए ॥ १०६. एगा अरतिरती।। १०७. एगे मायामोसे ।। १०८. एगे मिच्छादसणसल्ले ॥ अट्ठारसपाव-वेरमण-पदं १०६. एगे पाणाइवाय-वेरमणे ॥ ११०. 'एगे मुसावाय-वेरमणे ॥ १११. एगे अदिण्णादाण-वेरमणे ।। ११२. एगे मेहुण-वेरमणे ॥ ११३. एगे° परिग्गह-वेरमणे ॥ ११४. एगे कोह-विवेगे । ११५. 'एगे माण-विवेगे॥ ११६. एगे माया-विवेगे। ११७. एगे लोभ-विवेगे। ११८. एगे पेज्ज-विवेगे । ११६. एगे दोस-विवेगे। १२०. एगे कलह-विवेगे। १२१. एगे अब्भक्खाण-विवेगे। १२२. एगे पेसुण्ण-विवेगे । १२३. एगे परपरिवाय-विवेगे ।। १२४. एगे अरतिरति-विवेगे। १२५. एगे मायामोस-विवेगे। १२६. एगे० मिच्छादसणसल्ल-विवेगे। ओसप्पिणी-उस्सप्पिणी-पदं १२७. एगा ओसप्पिणी ॥ १२८. एगा सुसम-सुसमा । १२६. 'एगा सुसमा ॥ १३०. एगा सुसम-दूसमा ।।
१. सं० पा०—पाणाइवायवेरमणे
परिग्गहवेरमणे । २. कोव (क)।
जाव ३. सं० पा०—कोहविवेगे जाव मिच्छादसण
सल्ल° । ४. सं० पा०—सुसमसुसमा जाव एगा।
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